नाबालिग के वाहन चलाने पर पैरंट्स होंगे जिम्मेदार

उज्जैन। नईदिल्ली में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि गाडिय़ों की खरीद की स्थिति में उसके रजिस्ट्रेशन का काम डीलर को देने से राज्यों को राजस्व का कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि राजस्व का पैसा सीधा राज्य सरकारों के खाते में जाएगा। यदि किसी नाबालिग के द्वारा ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन होता है तो उसके पैरंट्स को जिम्मेदार माना जाएगा। नाबालिग पर जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट के तहत केस चलेगा। वीइकल्स का रजिस्ट्रेशन भी रद्द हो सकता है। हिट ऐंड रन के मामले में मृतक के परिजनों को सरकार की ओर से दो लाख रुपये की राहत राशि दी जाएगी। फिलहाल महज 25,000 रुपये का ही प्रावधान है।

सभी रोड यूजर्स का इंश्योरेंस : मोटर वीइकल्स ऐक्सिडेंट फंड बनेगा, जो देश के सभी रोड यूजर्स को इंश्योरेंस कवर प्रदान करेगा। इसके तहत कुछ निश्चित तरह के हादसों को कवर किया जाएगा।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पर देनदारी की सीमा खत्म : थर्ड पार्टी इंश्योरेंस पर देनदारी की सीमा को समाप्त किया जाएगा। इससे पहले 2016 में तैयार प्रस्ताव में मौत पर 10 लाख और गंभीर घायल पर 5 लाख रुपये का प्रावधान था।

शराब पीना पड़ेगा भारी, अब 10,000 फाइन : नशे में गाड़ी चलाने पर न्यूनतम जुर्माने को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये तक कर दिया है। रैश ड्राइविंग पर फाइन भी 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 कर दिया गया है। बिना लाइसेंस के फाइन पर 5,000 रुपये तक का फाइन देना होगा, फिलहाल यह 500 रुपये है।

सीट बेल्ट और ओवर स्पीड पर भी बढ़ा फाइन : बिना सीट बेल्ट पहने चलाने पर 100 रुपये की बजाय 1,000 देना होगा।

मोबाइल पर बात करने पर 5,000 फाइन : मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइविंग करने पर 5,000 रुपये तक फाइन देना होगा।

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