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नागचंद्रेश्वर परिसर की सीढ़ियाें को लेकर नहीं मिला सुरक्षा प्रमाण पत्र
महाकालेश्वर मंदिर के स्ट्रक्चर को नुकसान से बचाने के लिए किए उपायों को लेकर पीडब्ल्यूडी ने मंदिर समिति को अब तक सर्टिफिकेट जारी नहीं किया है। इसलिए मंदिर समिति सुप्रीम कोर्ट को अभी जवाब देने की स्थिति में नहीं है। पीडब्ल्यूडी ने समिति को कुछ ओर उपाय करने को कहा है, जिसकी पूर्ति के बाद ही सर्टिफिकेट जारी हो पाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जीएसआई की रिपोर्ट मंदिर समिति के एडवोकेट को सौंप कर मंदिर में शिवलिंग क्षरण और मंदिर के स्ट्रक्चर की सुरक्षा के लिए किए उपायों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। मंदिर समिति ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई विशेषज्ञ समिति के सुझावों के आधार पर शिवलिंग क्षरण रोकने के उपाय तो कर दिए लेकिन मंदिर के स्ट्रक्चर की सुरक्षा को लेकर समिति अब तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर सकी है। समिति ने मंदिर को एक साल पहले मंदिर के स्ट्रक्चर की सुरक्षा के लिए उपाय करने को कहा था। इसके बाद तत्कालीन मंदिर समिति अध्यक्ष कलेक्टर मनीषसिंह और तत्कालीन प्रशासक अभिषेक दुबे ने नागचंद्रेश्वर मंदिर परिसर का अवलोकन किया था, जिसमें नागचंद्रेश्वर मंदिर परिसर में गैलरी की फर्शियां टूटी मिली थी। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। प्रशासक अवधेश शर्मा के अनुसार शिवलिंग क्षरण रोकने और स्ट्रक्चर की सुरक्षा को लेकर सभी उपाय किए गए हैं। रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
मंदिर में जाने वाली सीढ़ियां मंदिर से दूर।
मंदिर में जाने वाली लोहे की सीढ़ियां स्ट्रक्चर से हटाई
महाकाल मंदिर के शीर्ष पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर तक श्रद्धालुओं के जाने व आने के लिए मंदिर के दोनों तरफ लोहे की सीढ़ियां बनाई गई हैं। सुप्रीम कोर्ट के विशेषज्ञों की सलाह पर समिति ने नागचंद्रेश्वर मंदिर जाने के लिए बनाई गई लोहे की सीढिय़ों का भार मंदिर के स्ट्रक्चर पर न पड़े इसलिए सीढिय़ों के नीचे लोहे के पिलर्स खड़े कर सीढिय़ों को स्ट्रक्चर से अलग किया है। जबकि उतरने वाली सीढ़ियां अभी भी मंदिर के स्ट्रक्चर से लगी हुई है।
पीडब्ल्यूडी ने सीढ़ियों की मजबूती में बताई खामियां
मंदिर सूत्रों के अनुसार पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने मंदिर समिति को स्ट्रक्चर और लोहे की सीढिय़ों की मजबूती को लेकर सुरक्षा प्रमाणपत्र देने से इनकार कर दिया है। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने सीढिय़ों को लेकर कुछ खामियां भी निकाली हैं। इन खामियों को दूर करने के बाद प्रमाण पत्र जारी हो पाएगा। पीडब्ल्यूडी ने सीढिय़ों की जालियों को कमजोर बताया है। उन्होंने जालियों के बीच नए एंगल लगाने को कहा है। इससे जालियां मजबूत होंगी।