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सुप्रीम कोर्ट ने कहा- महाकाल मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती पर रिपोर्ट सौंपे केंद्र सरकार
सुप्रीम काेर्ट ने केंद्र सरकार काे महाकाल मंदिर के स्ट्रक्चर की मजबूती की एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति से जांच कराने के निर्देश दिए हैं। काेर्ट ने केंद्र से 16 सितंबर तक रिपाेर्ट मांगी है।
जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने 5 अगस्त को नागपंचमी पर नागचंद्रेश्वर दर्शन के लिए अपनाए सुरक्षा उपायों पर महाकाल मंदिर कमेटी की रिपोर्ट भी मंजूर कर ली है। बेंच ने कहा- ‘हम मंदिर कमेटी द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट हैं।’ सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि काेर्ट के निर्देश पर केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रूड़की; आईआईटी मद्रास और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान भोपाल से इस मुद्दे पर संपर्क किया है। वह जांच करने के लिए राजी हो गए हैं। बेंच ने इसके बाद केंद्र को तीनों संस्थानों के प्रतिनिधियों की एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश दिया।
नागचंद्रेश्वर की दर्शन व्यवस्था पर कोर्ट ने कहा- हम मंदिर कमेटी द्वारा उठाए कदमों से संतुष्ट हैं
महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर है नागचंद्रेश्वर मंदिर
देश के तीन बड़े संस्थानों के प्रतिनिधियों की टीम 16 सितंबर तक करेंगी जांच
287 साल पुराना है मंदिर का स्ट्रक्चर
महाकालेश्वर मंदिर का वर्तमान स्ट्रक्चर 1732 में सिंधिया राजवंश के सचिव रामचंद्र बाबा शेंडवी ने बनवाया था। इसके बाद से अब तक इसका जीर्णोद्धार नहीं हुआ है। इसके एक हजार साल पहले राजाभोज के वंशज उदयादित्य ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। इतिहास में यह भी उल्लेख है कि ईसा पूर्व उज्जैन के राजा चंद्रप्रद्योत यहां पूजा करने आते थे, तब भी यहां मंदिर था।
विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट से उठा मुद्दा
सुप्रीम कोर्ट की विशेषज्ञों की कमेटी ने मंदिर के स्ट्रक्चर की सुरक्षा को लेकर एक साल पहले मंदिर समिति को आगाह किया था। मंदिर समिति से किए उपायों की जानकारी मांगी थी।
यह उपाय किए थे
2018 की नागपंचमी के पहले मंदिर समिति ने आर्किटेक्ट से मंदिर के स्ट्रक्चर की जांच कराई थी। नागपंचमी पर 40-40 श्रद्धालुओं को नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए छोड़ा था। इसके बाद लोहे की सीढ़ी हटा ली थी।
इस बार ये उपाय किए
15 श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए नागचंद्रेश्वर में भेजेंगे। 4 अगस्त की रात 12 बजे से 5 अगस्त की रात 12 बजे तक दर्शन होंगे।