अब नहीं भुगतना होगा मीटर रीडरों की गलती का खामियाजा

उज्जैन।:अब शहर के बिजली उपभोक्ताओं को मीटर रीडिंग नहीं होने की स्थिति में भी अधिक बिल नहीं भरना पड़ेगा। हालांकि यह स्थिति केवल घरों में ताला लगा होने में ही बनेगी, बावजूद इसके इस तरह के उपभोक्ताओं की भी कमी नहीं है, जिनके यहां ताला लगा होने के बाद भी मीटर रीडिंग मनमर्जी से कर दी जाती है और अधिक बिल का भुगतान उपभोक्ताओं को करना पड़ता है।
पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों की यदि मानें तो कई बार मीटर रीडर उपभोक्ताओं के घरों पर ताला लगने की स्थिति में मीटर रीडिंग अपनी मर्जी कर देते हंै, कुल मिलाकर यह गलती कतिपय मीटर रीडरों की ही मानी जाएगी। लेकिन परेशानी ऐसे उपभोक्ताओं की होती है, जो किसी कारणवश घर में ताला लगाकर बाहर जाते हैं और फिर जब उसे बिल अधिक मिलता है तो उसे समायोजित कराने के लिए कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हंै या फिर एक मुश्त राशि ही जमा करना पड़ जाती है।

अफसरों, कर्मचारियों पर नकेल
अधिकारियों के अनुसार राज्य सरकार यह प्रावधान करने जा रही है कि अगर तय समय अवधि एक माह में मीटर रीडिंग नहीं ली जाती तो उसके बाद की अवधि में बनने वाली बिजली खपत की प्रति यूनिट की गणना उसी स्लैब में होगी, जिस स्लैब में सौ रुपए में सौ यूनिट बिजली देने का फैसला सरकार ने किया है। इसके माध्यम से सरकार बिजली कंपनी के अफसरों और कर्मचारियों पर नकेल भी कसने जा रही है। बता दें कि कई बार एक माह बाद रीडिंग भी कराई जाती है और बिल में तारीख एम माह की ही डाल दी जाती है, परंतु उपभोक्ताओं के साथ ऐसा नहीं हो सकेगा।

इनका कहना-
सरकार ने नई गाइड लाइन भेजी है, उसी के अनुसार कार्य किया जाएगा। उपभोक्ताओं को किसी तरह से परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
-केतन रायपुरिया,
कार्यपालन यंत्री, शहर संभाग

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