- महाकाल मंदिर के विस्तार के लिए बड़ा कदम, हटाए गए 257 मकान; महाकाल लोक के लिए सवा दो हेक्टेयर जमीन का होगा अधिग्रहण
- भस्म आरती: मस्तक पर भांग, चन्दन, रजत चंद्र और आभूषणों से किया गया बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार!
- महाकालेश्वर मंदिर में अब भक्तों को मिलेंगे HD दर्शन, SBI ने दान में दी 2 LED स्क्रीन
- उज्जैन में कला और संस्कृति को मिलेगा नया मंच, 1989.51 लाख रुपये में बनेगा प्रदेश का पहला 1000 सीट वाला ऑडिटोरियम!
- भस्म आरती: रजत के आभूषणों से किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार!
किसी को बिना बताये दिल्ली से उज्जैन पहुंची ‘शिप्रा’
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:दिल्ली में रहने वाली शिप्रा नामक महिला घर पर किसी को बताये बगैर ट्रेन में बैठकर उज्जैन चली आई। पति ने उसकी थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई और जैसे ही उसे पता चला कि पत्नी उज्जैन जा रही है तो वह फ्लाइट से उज्जैन आया। यहां जीआरपी व आरपीएफ की मदद से पत्नी को तलाशा और प्लेटफार्म पर जब दोनों मिले तो आंसुओं की झड़ी लग गई। जीआरपी द्वारा दंपत्ति को थाने ले जाकर सुपुर्दगी की कार्रवाई की गई।
राजेश मिड्ढा पिता नरेन्द्र निवासी उत्तम नगर दिल्ली व्यापारी हैं। राजेश ने बताया कि उनकी पत्नी शिप्रा मिड्ढा कल बिना किसी को बताये घर से कहीं चली गई। तलाश करने के बाद भी उसका सुराग नहीं मिला तो थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। उसी दौरान बेटी क्रिशिका ने बताया कि मां उज्जैन जाने की बातें कर रहीं थी। इस पर राजेश मिड्ढा रेलवे स्टेशन पहुंचे, जहां सीसीटीवी कैमरों से पता चला कि शिप्रा देहरादून एक्सप्रेस के जनरल कोच में बैठी है।
इस पर राजेश मिड्ढा ने तुरंत फ्लाइट पकड़ी और इंदौर उतरे। वहां से टैक्सी से उज्जैन रेलवे स्टेशन आये। यहां जीआरपी व आरपीएफ को घटना से अवगत कराया। दोनों थानों के पुलिसकर्मी राजेश मिड्ढा की मदद के लिये प्लेटफार्म 2 पर पहुंचे। यहां 9.15 पर देहरादून एक्सप्रेस रुकी और जनरल कोच से शिप्रा मिड्ढा जैसे ही उतरीं तो पति को सामने देखा। दोनों की आंखों से आंसू झलक आये। जीआरपी के जवान उन्हें लेकर थाने पहुंचे।
शिप्रा नाम के कारण जिद करती थी
राजेश ने बताया कि उनकी पत्नी का नाम शिप्रा है और पिछले कई दिनों से उज्जैन आकर शिप्रा नदी देखने की इच्छा व्यक्त कर चुकी थी, लेकिन समय नहीं मिलने के कारण वह पत्नी को लेकर यहां नहीं आ पाये। अगस्त माह में मां की मृत्यु के बाद से पत्नी की जिद बढ़ गई थी। संभवत: इसी कारण वह घर पर किसी को बताये बगैर उज्जैन चली आई।