सर्वपितृ अमावस्या पर पितरों को तर्पण

सर्वपितृ अमावस्या पर लोगों ने पिछले दिनों से चल रहे श्राद्ध पर्व का अंतिम तर्पण देकर पूर्वजों को याद किया। रामघाट से लेकर सिद्धनाथ घाट तक शहर व देशभर से आये हजारों लोगों की भीड़ रही और नजारा मिनीकुंभ सा दिखने लगा। खाकचौक स्थित गयाकोटा तीर्थ पर लोगों की करीब आधा किलोमीटर लम्बी लाइन लगी रही। वहीं पुलिस प्रशासन ने घाटों और मंदिरों पर विशेष इंतजाम किये हैं।

पिछले दिनों से श्राद्ध पक्ष के अंतर्गत लोगों द्वारा अलग-अलग तिथियों पर पूर्वजों का श्राद्ध और पूजन अर्चन का कर्म किया वहीं घरों में ब्राम्हण भोज के आयोजन भी हुए। आज सर्वपितृ अमावस्या पर जाने-अनजाने पूर्वजों को याद कर क्षमा याचना के साथ तर्पण किया गया। ऐसी पौराणिक मान्यता है। इसी के अंतर्गत रामघाट से लेकर सिद्धनाथ तक देश भर से आये हजारों लोगों की भीड़ रही।

लोगों ने रामघाट पहुंचकर पंडितों के माध्यम से पूर्वजों को याद करते हुए पूजन अर्चन किया। रामघाट पर पंडों द्वारा टेंट लगाकर एक साथ दर्जनों यजमानों के पूजन निपटाने तक की व्यवस्था की थी। इसी प्रकार सिद्धवट पर भी हजारों लोग पहुंचे और पूर्वजों को तर्पण किया। इधर खाकचौक स्थित गयाकोटा तीर्थ पर दूध चढ़ाने के साथ पूजन अर्चन करने वालों की भीड़ रही।

सुबह 11 बजे तक दर्शन करने वालों की कतार आधा किलोमीटर तक पहुंच चुकी थी। मंदिर में प्रवेश और निर्गम द्वार एक ही होने के साथ परिसर में जगह की कमी के कारण दर्शन करने में लोगों को कठिनाई हुई वहीं परिसर के पीछे टेंट लगाकर पंडों द्वारा पूजन कार्य कराया जा रहा था। पुलिस द्वारा रामघाट से लेकर सिद्धनाथ तक व्यवस्थाएं की गई थी।

भूत प्रेत बाधाओं के लिये हुई तंत्र क्रिया
सर्वपितृ अमावस्या पर तंत्र साधना करने वालों का भी घाटों पर खासा जमावड़ा रहा। आसपास के गांवों सहित अन्य शहरों से बड़ी संख्या में लोग रामघाट पहुंचे और प्रेत बाधाओं से ग्रसित लोगों के लिये विशेष अनुष्ठान भी कराये गये। कालियादेह महल पर भी तंत्र क्रियाएं सुबह से प्रारंभ हो चुकी थीं। बाहर से आये लोगों के लिये यह रोमांच से भरा था वहीं घरों में तंत्र अनुष्ठान करने वालों के लिये भी आज का दिन महत्वपूर्ण माना जाता है।

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