कोरोना से जो जितना ज्यादा लड़कर जीता, उसमें उतना ज्यादा एंटीबॉडीज, ऐसे 46 लोगों को मनाने जाएगी टीम

उज्जैन. आरडी गार्डी में दीपा मोहन का प्लाज्मा फ्रीज कर दिया है। इस अस्पताल में 30 मरीज ऐसे हैं जो गंभीर बीमार की श्रेणी हैं। इन्हें बार-बार ऑक्सीजन देना पड़ रही है। ऐसे मरीज को प्लाज्मा चढ़ाने पर वह जल्दी ठीक हो सकते हैं। शहर में ऐसे 46 लोग चिह्नित किए गए हैं, जो गंभीर होने के बाद ठीक हुए। इन्हें ऑक्सीजन भी चढ़ाया गया था। ऐसे लोगों का प्लाज्मा ज्यादा अच्छा होता है। शनिवार से टीम इन सभी के घरों पर पहुंचेगी और प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।  अस्पताल में शुक्रवार दोपहर प्लाज्मा सेपरेटर मशीन की शुरुआत कोरोना को मात देने वाली चैरिटेबल अस्पताल की मेट्रन दीपा मोहन ने फीता काट कर की। इसके बाद उन्होंने प्लाज्मा देने के लिए अपना ब्लड डोनेट किया।

 

कोरोना से जो जितना ज्यादा…

कोरोना से जो जितना ज्यादा लड़ कर जीता, उसमें उतनी ज्यादा एंटीबॉडीज संभागायुक्त शर्मा ने कहा उपचार के लिए प्लाज्मा डोनेट करने की आवश्यकता है। प्लाज्मा डोनेशन रक्तदान जैसा ही है। प्लाज्मा डोनेट वही व्यक्ति कर सकते हैं जो कोरोना से गंभीर संक्रमित थे और स्वस्थ होकर अपने घर चले गए हैं, जो कोरोना से जितना ज्यादा लड़ कर जीता, उसमें उतनी ज्यादा एंटीबॉडीज बनती है। कलेक्टर सिंह ने कहा- जिले में 46 ऐसे मरीज चिह्नित कर लिए हैं जो गंभीर रूप से बीमार थे और ठीक होकर अपने घर गए हैं। उन्होंने कहा ऐसे लोगों को प्लाज्मा डोनेट करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इनसे संपर्क किया जा रहा है। आरडी गार्डी के विशेषज्ञ डॉ.आशीष पाठक ने बताया एंटीबॉडीज प्लाज्मा में रहती है।

 

मरीज की जरूरत के मुताबिक चढ़ाएंगे प्लाज्मा

दीपा नेे 400 एमएल प्लाज्मा डोनेट किया। अब जैसे किसी मरीज को कोरोना से लड़ने के लिए 200 एमएल प्लाज्मा की जरूरत है, उसे उतना ही देंगे। इस तरह यह प्लाज्मा कम से कम दो मरीजों को दिया जा सकेगा।

 

मरीज और प्लाज्मा की जांच होगी

इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च तय करेगी कि सबसे पहले किसे प्लाज्मा दिया जाएगा। इसके पहले प्लाज्मा की जांच होगी। मरीज की भी जांच की जाएगी। डोनर और मरीज का ब्लड ग्रुप मैच किया जाएगा। विभिन्न तरह की जांच के बाद आईसीएमआर तय करेगी कि सबसे पहले किस मरीज को प्लाज्मा दिया जाएगा। अस्पताल के प्रशासनिक प्रभारी एसएस रावत के अनुसार प्लाज्मा ऐसे मरीजों को दिया जाएगा जो गंभीर हैं और ऑक्सीजन पर हैं।

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