उज्जैनवासियों के लिए चेतावनी…अब 5 से 15 जून तक रहेगा पीक टाइम-सावधानी से जाएं बाजार

अगले कुछ दिनों में बढ़ सकते हैं संक्रमण के मामले, यदि अगले 20 दिन रखी सावधानी तो 30 जून तक ग्रीन जोन में आ सकता है शहर

उज्जैन । शहरवासियों के लिए एक चेतावनी है। यह चेतावनी डरने के लिए नहीं बल्कि सावधानी बरतने के लिए है। 1 जून से बाजार खुल गए है। शासकीय एवं निजी कार्यालयों को भी आधे स्टॉफ के साथ काम करने की छूट मिल गई है। सब्जी और फल हाथ ठेलों पर बिकने लगे हैं। इन सबके बीच यदि शहरवासियों ने सावधानी नहीं रखी तो समझो शहर में संक्रमण के हालात गंभीर हो जाएंगे। यदि सावधानी के साथ काम कर लिया तो 30 जून के बाद रेड झोन से ग्रीन झोन में शहर की वापसी हो जाएगी।

एसीएस मौ.सुलेमान ने मंगलवार को बृहस्पति भवन में जो बैठक ली उसमें उन्होने शासन को मिले इनपुट के आधार पर अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा कि यह समय आर्थिक गतिविधियों को रोकने का नहीं बल्कि शहरवासियों को सावधानी के साथ जीवन जीने के लिए प्रेरित करने का है। उन्होंने कहा- उज्जैन में आर्थिक गतिविधियां 1 जून से प्रारंभ हो गई है। अत: 5 से 15 जून तक सबसे अधिक संक्रमित सामने आएंगे। इसके लिए हॉस्पिटल तैयार रहें वहीं इसे रोकने के लिए शहरवासियों से अपील करें कि वे सामाजिक दूरी बनाकर काम करें। वे मॉस्क लगाएं और स्वयं को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाएं। दुकानदार हो या किसी ऑफिस का अधिकारी, अपने यहां आने वाले हर व्यक्ति को सामाजिक दूरी बनाकर रखने के निर्देश दें।

एक हफ्ते की टेस्ट रिपोर्ट में पॉजिटिव का आंकड़ा 2.5 प्रतिशत, तो क्या उज्जैन शहर से कोरोना गायब या संक्रमितों की सही पहचान नहीं?

शहरवासियों के बीच इन सबसे हटकर एक ही प्रश्न गूंज रहा है। वह यह कि क्या कोरोना महामारी उज्जैन से समाप्त हो चुकी है? यदि हां, तो फिर 1 से 15 जून के बीच संक्रमण तेजी से बढ़ेगा, यह वातावरण क्यों बनाया जा रहा है? यदि नहीं तो फिर औसत 200 सेम्पल लेने के बाद पॉजिटिव की संख्या 2 से 4 के बीच क्यों सिमट रही है? यह प्रश्न इसलिए उठ रहा है क्यों सोश्यल मीडिया पर कोरोना का बुलेटिन हर रोज ट्रेंड कर रहा है।

कुछ प्रश्न ऐसे हैं जिनके उत्तर किसी भी प्रशासनिक अधिकारी के पास नहीं है। लोगों की जिज्ञासा है कि 29 मई से 2 जून तक 5 दिन में पॉजिटिव की कुल संख्या 24 रही। जबकि कुल सैंपल लिए गए 1083, मतलब इन पांच दिनों में जांच पश्चात निगेटिव रिपोर्ट आई 1059। इन पांच दिनों में प्रतिदिन औसत 200 से अधिक सैंपल लिए गए। जाहिर है कि इतने अधिक सैंपल लेने के बाद यदि पाजिटिव कम आए तो लोगों के मन में सवाल है की क्या कोरोना का संक्रमण शहर में समाप्ति की ओर है या सैंपलिंग के लिए चिन्हित किए जा रहे संभावित संक्रमितों की सही पहचान नहीं हो पा रही है ? यदि वास्तव में सैंपलिंग और संभावित संक्रमितों की सही पहचान होने के बाद भी यह आंकड़ा इतना काम है तो यह शहर की जनता के लिए एक बहुत बड़ी राहत की खबर है।

 

आज से जिला चिकित्सालय में भी लिए जाएंगे कोरोना जांच के सैंपल

जिला हॉस्पिटल में फ्लू के मामले देख रहे डॉ.अमित पाटीदार ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर आज से जिला हॉस्पिटल में बोहरा वार्ड के समीप एक लेब बना ली गई है। यहां पर कोरोना संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने की व्यवस्था की गई है। जो भी मरीज जिला हॉस्पिटल आएगा। थर्मल स्केनर पर जिसके शरीर का तापमान 95 से उपर होगा, सर्दी-जुकाम-खांसी आदि होगी, उसका तुरंत सैंपल लिया जाएगा। उसकी केस हिस्ट्री के आधार पर परिवार के लोगों के सैंपल भी लिए जाएंगे। इसके लिए यहां पर रैपिड रिस्पांस टीम रहेगी वहीं मोबाइल फोन करने पर तुरंत कोई भी नजदीकी क्षेत्र में काम कर रही टीम यहां पहुंच जाएगी।

 

प्रायवेट हॉस्पिटल भी कर रहे रिपोर्ट

आयएमए अध्यक्ष के अनुसार शहर के सारे प्रायवेट हॉस्पिटल में फ्लू क्लिनिक खोल दिए गए हैं। इनमें आनेवाले मरीजों के थर्मल स्केनर से शरीर के तापमान लिए जा रहे हैं और लक्षण आधारित उपचार किया जा रहा है। कोरोना संदिग्धों के मोबाइल नम्बर तत्काल रैपिड रिस्पांस टीम के पास पहुंचाए जा रहे हैं और संबंधितों के सैंपल लिए जा रहे हैं। हालांकि अधिकांश सेम्पल की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है।

 

नगर निगम सीमा में 9 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र काम कर रहे इस पर

सीएमएचओ डॉ. महावीर खण्डेलवाल ने कहा कि एसीएस ने मंगलवार को बैठक में यह चेतावनी दे दी थी। उसी अनुसार पूरे शहर को सावधानी बरतने के लिए कहा जा रहा है। इस समय शहर के 9 शा.प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर फ्लू क्लिनिक सजगता से काम कर रहे हैं। यहां आने वाले मरीजों के भी लक्षण देखकर वहां कार्यरत डॉक्टर्स द्वारा सैंपल लिए जाएंगे या मरीज को जिला हॉस्पिटल/माधवनगर हॉस्पिटल भेजा जाएगा या फिर रैपिड रिस्पांस टीम को मोबाइल फोन किया जाएगा। हम सैंपल लेने का काम सतत करेंगे,भले ही रिपोर्ट निगेटिव आए। उन्होने बताया कि इसके अलावा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा कार्यकर्ताओं की टीम भी काम कर रही है। वे भी सर्वे आधार पर जानकारियां निर्धारित एप में डाल रही है। एप का विश्लेषण होकर जो नाम आ रहे हें,उनके घरों पर जाकर सेम्पल लिए जा रहे हैं।

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