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स्वस्च्छ भारत अभियान में शहर के में लगे थे तीन हजार से अधिक हरे-नीले डस्टबीन, हो रहे है गायब
उज्जैन:केन्द्र सरकार के स्वच्छ भारत अभियान में उज्जैन नगर निगम द्वारा बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया गया और स्टार रेटिंग भी प्राप्त की। इसके पीछे तत्कालिन अधिकारियों की कड़ी मशक्कत और योजनाएं अहम रहीं। शहर के लोगों को घरों से निकलने वाले गीले कचरे और सूखे कचरे को नीयत स्थान पर एकत्रित करने के लिये तीन हजार से अधिक हरे-नीले डस्टबीन लगाये गये थे जो चोरी होने के बाद आधे भी नहीं बचे हैं। इस संबंध में नगर निगम उपायुक्त का कहना है कि डस्टबीन चोरी रोकने के लिये चौकीदार की नियुक्ति की जा सकती है।
स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत शहर के प्रमुख मार्गों, चौराहों, होटलों के सामने और कालोनियों में गीला कचरा सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित करने के लिये हरे और नीले डस्टबीन नगर निगम द्वारा लगवाये गये थे। वर्कशॉप विभाग से इन डस्टबीनों के टेंण्डर हुए और ठेकेदार के माध्यम से 3 हजार से अधिक डस्टबीन लगाये गये। इनके रख रखाव और सुरक्षा की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गई। जिस वार्ड और झोन में यह डस्टबीन लगे थे उस वार्ड में सफाईकर्मी, दरोगा, मेट और स्वास्थ्य अधिकारी इन डस्टबीनों की देखभाल करते थे। नगर निगम की इस व्यवस्था को लोगों ने पसंद भी किया और स्वच्छ भारत अभियान में उज्जैन नगर निगम को रेटिंग भी प्राप्त हुई।
एक डस्टबीन सेट मय स्टैंड 6500 रुपए का
]निगम सूत्र बताते हैं कि एक हरा और नीला डस्टबीन मय स्टैंड के 6500 रुपये का था। शहर में लगने के बाद इनकी संख्या 3 हजार से अधिक थी। करीब डेढ़ वर्ष में यह डस्टबीन आधे भी नहीं बचे हैं। अक्षर विश्व द्वारा इसकी जांच की गई तो पता चला कि बदमाशों ने एक-एक कर डस्टबीन चुराये और अटाले की दुकान पर विक्रय कर दिये। इसकी जानकारी क्षेत्र के सफाईकर्मी, दरोगा, मेट अथवा स्वास्थ्य अधिकारी के पास भी नहीं है। वर्तमान में किस झोन में कितने डस्टबीन उपलब्ध हैं, कुल कितने लगे थे और कितने चोरी हो गये इसका जवाब कोई अधिकारी देने को तैयार नहीं।
मेरे कार्यकाल में नहीं लगे
मेरे कार्यकाल में डस्टबीन नहीं लगे थे, हां मुझे जानकारी अवश्य है कि 3 हजार से अधिक डस्टबीन लगे थे। एक डस्टबीन की कीमत करीब 6500 रुपये थी। वर्तमान में किस झोन में कितने डस्टबीन लगे हैं इसकी जानकारी नहीं। डस्टबीन चोरी होने की जानकारी भी अक्षरविश्व से मिली है। डस्टबीन चोरी रोकने के लिये चौकीदार की नियुक्ति संभव है, इसके लिये आयुक्त निर्णय लेंगे।
–संजेश गुप्ता, उपायुक्त स्वास्थ्य न.नि.
मैं उपायुक्त से सहमत नहीं शहर में लगे डस्टबीन चोरीहो रहे हैं यह जांच का विषय है, लेकिन डस्टबीन की रखवाली के लिये चौकीदार की नियुक्ति करने की बात गलत है। एक डस्टबीन 6500 रुपये का है इससे अधिक वेतन चौकीदार को देना होगा। मैं उपायुक्त के सुझाव से सहमत नहीं हूं।
–मीना जोनवाल, महापौर