कलेक्टोरेट कर्मचारी पाॅजिटिव, महाकाल मंदिर भी गया था, आज वहां सीएम आएंगे

संक्रमण का खतरा अब जिले में बढ़ने लगा है। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग संक्रमित हो रहे हैं। गुरुवार को कलेक्टोरेट के 2 कर्मचारियों, 1 बैंककर्मी और 1 डॉक्टर सहित 15 लोग संक्रमित पाए गए हैं। इनके साथ ही पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 942 हो गई है। सीएमएचओ डॉ महावीर खंडेलवाल ने बताया गुरुवार को 864 लोगों की रिपोर्ट आई। 4 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। पॉजिटिव मरीजों में एक कलेक्टोरेट का कर्मचारी भी है। कोठी रोड निवासी यह 30 वर्षीय कर्मचारी रिपोर्ट आने से पहले गुरुवार को ही कलेक्टोरेट पहुंचा था। एक दिन पहले बुधवार को ब्लड प्रेशर की जांच करवाने के लिए महाकालेश्वर मंदिर भी गया था। उसके संपर्क में कलेक्टोरेट से लेकर महाकालेश्वर मंदिर के कर्मचारी भी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में थे। यही नहीं, उसकी  मां विक्रम विश्वविद्यालय में कर्मचारी है। संभवत: इन संपर्क वाले लोगों में से कई की सैंपलिंग होगी। खास बात यह है कि मुख्यमंत्री भी शुक्रवार को महाकालेश्वर मंदिर पहुंच रहे हैं।

 

अब 73 भर्ती शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी बढ़ा खतरा, शुक्र है मौतें थमी हुई हैं

कलेक्टोरेट में बाबू के पद पर पदस्थ विष्णुपुरा निवासी उम्र 28 साल व कलेक्टोरेट में ऑपरेटर उम्र 30 साल निवासी कोठी रोड में संक्रमण पाया गया है। महाकाल मंदिर प्रशासन की ओर से उक्त ऑपरेटर कलेक्टोरेट में रखा गया है। इनके अलावा निजी बैंक के कैशियर उम्र 30 साल निवासी दादा भाई नौरोजी मार्ग व निजी बैंक के कर्मचारी निवासी शिव परिसर उम्र 30 साल में संक्रमण पाया गया है। कैशियर का मूल रूप से निवास ढांचा भवन है। हेल्थ बुलेटिन के अनुसार पुष्पांजलि नगर में रहने वाले 30 साल के युवक, शिव परिसर दो तालाब के पास के 30 साल के युवक, दादा भाई नौरोजी मार्ग के 30 साल के युवक, वृंदावन धाम कॉलोनी के 35 साल के युवक, महाशक्ति नगर के 82 साल के बुजुर्ग, विष्णुपुरा के 28 साल के युवक, प्रजापत कॉलोनी के 44 साल के व्यक्ति व किशोरी उम्र 16 साल, कोठी रोड के 30 साल के युवक, आदित्य नगर के 61 साल के बुजुर्ग, इसी कॉलोनी की 58 साल की महिला, हरसिद्धि रोड पर रहने वाले डॉक्टर उम्र 45 साल, नागदा सिटी के 30 साल के युवक, चकरावदा की 36 साल की महिला व घटिया के 62 साल के बुजुर्ग में संक्रमण पाया गया है। इसके साथ ही भर्ती पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 73 हो गई है। हालांकि राहत है कि मौतें थमी हुई हैं।

 

…और थोड़ी राहत 68 मरीजों में से 42 एसिंप्टोमेटिक, लक्षण वाले सिर्फ 20

ग्रीन जोन के नजदीक पहुंचने के बाद उज्जैन वापस रेड जोन में पहुंच गया। पॉजिटिव मरीज तो बढ़ रहे हैं पर लक्षण वाले मरीज घट रहे हैं। मरीजों के बढ़ने की बड़ी वजह मरीजों के एसिंप्टोमेटिक होना है। मरीजों में लक्षण दिखाई नहीं देते, ऐसे में दूसरे लोग उनके संपर्क में आ जाते हैं और वे भी संक्रमित हो जाते हैं। इस तरह से चैन बनती जा रही है। 1 से 15 जुलाई तक 68 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें से 42 मरीज ऐसे पाए गए जिनमें कोई लक्षण नहीं थे। केवल 20 मरीजों में ही लक्षण पाए गए। अनलॉक में लोग दुकानों पर भीड़ लगाकर खड़े रहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दी-खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ के मरीज से तो लोग दूरी बनाकर रहते हैं, सावधानी बरतते हैं लेकिन उन मरीजों के संपर्क में आ जाते हैं जिनमें लक्षण नहीं होते। लोगों के संक्रमित होने की वजह यही सामने आई है। जिस व्यक्ति के आप नजदीक खड़े हैं, वह संक्रमित हो सकता है और आपको भी संक्रमित कर सकता है। इसीलिए सभी लोगों से दूरी बनाकर ही रखें।

 

ऐसे बढ़े एसिंप्टोमेटिक

30 जून तक 12 मरीज एसिंप्टोमेटिक और 7 मरीज सिंप्टोमेटिक थे। उसके बाद 9 जुलाई से बगैर लक्षण वाले मरीजों की संख्या बढने लगी। जोकि 15 जुलाई तक 42 हो गई और लक्षण वाले मरीज केवल 20 ही है।

 

अनलॉक में दोस्तों के साथ घूमने निकला छात्र पॉजिटिव

सिंहपुरी में रहने वाला छात्र अनलॉक में दोस्तों के साथ घूमने निकल जाता था इस दौरान वह संक्रमित हो गया। उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मंछामन कॉलोनी में रहने वाला 26 साल का युवक भी घूमता रहता था।

 

महाकाल की सवारी नए रूट से ही निकलेगी, हाई कोर्ट में याचिका खारिज

इंदौर| श्रावण सोमवार पर उज्जैन में निकलने वाली भगवान महाकाल की सवारी नए रूट से ही निकलेगी। सवारी को
पुराने रूट से निकाले जाने को लेकर दायर जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि नया रूट प्रशासन और मंदिर समिति ने मिलकर बनाया है। याचिका में जनहित प्रतीत नहीं होता है।

 

महाकाल की सवारी नए…

जस्टिस सतीशचंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पिछले दिनों सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। हाई कोर्ट ने फैसले में कहा कि कोरोना के चलते सवारी को लेकर जो फैसला लिया है, वह बिलकुल सही है। सवारी का मुख्य उद्देश्य भगवान को घाट पर लाकर स्नान कराना है। इसमें रूट का कोई महत्व नहीं है। मंदिर कमेटी, अनुभवी पुजारी और प्रशासन ने सोच-समझकर ही नया रूट बनाया है। कोरोना को देेखते हुए फैसला सही है। इसमें हाई कोर्ट कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। हाई कोर्ट ने फैसले में भगवान जगन्नाथ की पुरी में निकलने वाली रथयात्रा का भी जिक्र किया। कोर्ट ने कहा कि पुरी की यात्रा एक बिलकुल अलग विषय है। याचिकाकर्ता ने पुरी में निकली यात्रा का हवाला देकर पुराने रूट पर सवारी निकालने की मांग की थी। प्रशासन ने सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म पर सवारी लाइव दिखाने के इंतजाम भी कर रखे हैं। उल्लेखनीय है कि विगत दो सावन सोमवार को नए रूट से ही यात्रा निकली थी।

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