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2 अक्टूबर से प्रारंभ नहीं हो पाएगा उज्जैन के चरक भवन में कोविड केयर हॉस्पिटल
वहीं सभी 100 बेड पर सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम लगाना मुश्किल पड़ रहा है। उज्जैन शहर और जिले में बढ़ते कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या को देखते हुए 25 सितंबर को कलेक्टर आशीषसिंह ने चरक भवन का निरीक्षण किया था। पांचवे माले पर कोविड केयर सेंटर 2 अक्टूबर से प्रारंभ करने के निर्देश सीएमएचओ डॉ.महावीर खण्डेलवाल को दिए थे। भोपाल से पद पूर्ति की स्वीकृति भी आ गई थी।
इस अनुसार सीएमएचओ कार्यालय द्वारा अस्थायी नियुक्तियां भी प्रारंभ कर दी गई थी। इस बीच सबसे बड़ी समस्या एमबीबीएस डॉक्टर्स की आ गई। आगामी जनवरी माह में डॉक्टर्स की पीजी की परीक्षा है। ऐसे में अधिकांश एमबीबीएस डॉक्टर्स पीजी की तैयारी में व्यस्त हो गए हैं और जो फ्री हैं, वे नौकरी के लिए नहीं आ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार खींचतान की भी तो एक सप्ताह से पूर्व चरक भवन पूरी तरह से प्रारंभ नहीं हो पाएगा।
सभी 100 बेड पर सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम मुश्किल…
चरक भवन के पांचवे माले पर हॉल क्रं. 501, 502, 510,511 और एक अन्य हॉल है। दो-दो हाल को जोड़कर दो हाल बना दिए गए हैं, वहीं एक हॉल और है। इस प्रकार इनमें कुल 100 बिस्तरों वाला कोविड केयर सेंटर तैयार किया जाना है। यदि इन हाल में चरक भवन में लगी वास्तविक सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम की पड़ताल करें तो अधिकतम 40 बेड तक ही यह सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम के पांइट काम कर पाएगे। इसके बाद शेष बेड पर ऑक्सीजन के सिलेण्डर लगाकर मरीज को दी जा सकती है। हालांकि प्रशासन ने बायपेप मशीन आदि अन्य उपकरण मंगवा लिए हैं। सबसे बड़ी समस्या स्टॉफ एवं ऑक्सीजन के पाइंट की है।
एमबीबीएस डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा सीएमएचओ कार्यालय
चरक भवन में कोविड केयर हॉस्पिटल 2 अक्टूबर से प्रारंभ करना है। यह सेंटर 100 बेड का होगा। प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा एवं बाइपेप मशीन लगाई जाएगी। इसे आइसोलेट रखा जाएगा। पॉजीटिव मरीजों को लाने ले जाने के लिये डेडिकेटेड लिफ्ट होगी।
कोविड वार्ड में जाने के लिये निर्धारित की गई लिफ्ट के पास से गुजर रहे रैम्प पर भी आवागमन बन्द रहेगा।
तीन वार्ड में प्रत्येक वार्ड में तीन-तीन नर्स की ड्यूटी लगाने व चौबीस घंटे प्रत्येक वार्ड में एक डॉक्टर की तैनाती रहेगी।