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इंदौर में वन-वे सफल तो उज्जैन में क्यों नहीं
पुराने शहर की कंठाल से छत्री चौक संकरी सड़क पार्किंग और नगर निगम के बाजार वसूली करने वालों की कारस्तानी के चलते बाजार बना दी गई है। इसका खामियाजा न केवल वाहन चालकों को बल्कि पैदल चलने वालों को भी भुगतना पड़ रहा है।
लापरवाही ट्रैफिक विभाग की है जो सड़कों को मुक्त नहीं करा पा रहा। अनदेखी की हद यह है कि जो एकांगी मार्ग हैं, उनका पालन भी नहीं हो रहा। बढ़ते शहर के कारण अन्य बाजारों में भी ऐसे ही हालात हैं, जहां एकांगी मार्ग बनाने की जरूरत बन गई है। सड़क सुरक्षा समिति में कई बार मुद्दे उठते हैं लेकिन होता-जाता कुछ नहीं। शहर में कंठाल से गोपाल मंदिर व मालीपुरा मार्ग एकांगी मार्ग घोषित हैं। ट्रैफिक पुलिस इनका भी पालन नहीं करवा पा रही। इंदौर में भी राजवाड़ा समेत कई संकरी सड़कें हैं लेकिन वहां भी जाम से वन-वे की मदद से निजात दिला दी गई। यहां भी अगर पहले से घोषित वन-वे का पालन हो जाए तो जाम की समस्या से तो निजात मिलेगी।
वन-वे की प्लानिंग के साथ 5 काम जो निगम व ट्रैफिक पुलिस को करना होंगे
सड़कों पर ऐसे एक भी ठेला-गाड़ी नहीं लगे जिससे आवागमन बाधित हो, इनके लिए शर्त व जुर्माना की सख्ती करना होगी।
पुराने शहर में कई दुकानदार दुकानों के बाहर पांच से सात फीट तक सामान टांगते हैं, जिस पर सख्ती से रोक लगे।
कंठाल-तेलीवाड़ा व मिर्जा नईम बेग मार्ग से ढाबारोड व तेलीवाड़ा से फाजलपुरा तक मैजिक-ऑटो खड़े होते हैं, इन पर रोक लगे।
तेलीवाड़ा, टंकी चौक व छत्री चौक पर तैनात पुलिसकर्मियों के बीच तालमेल रहे कि वाहनों का दबाव बढ़ने पर निर्णय लें।
ट्रैफिक पुलिस की क्रेन रोज सुबह 11 से छह बजे के बीच उक्त मार्गों पर घूमे व कार्रवाई करे।
वन-वे की बजाए 3 काम पर ध्यान दें
कंठाल-छत्रीचौक पर वन-वे सक्सेस नहीं है। प्रशासन व्यवस्था बना दे कि दुकानों के बाहर तक सामान नहीं टांगे जाएं। ठेले वाले सड़क घेरकर खड़े नहीं होंगे व जो वन-वे उसमें फोर व्हीलर गाड़ियां नहीं जाएंगी। इतना भी हो जाए तो काफी समस्या हल हो सकती है।
-संजय मेहता, बड़ा सराफा व्यापारी एसोसिएशन
मालीपुरा: वन-वे का पालन हो
किराना से लेकर सब्जी तक की खरीदारी दौलतगंज-मालीपुरा में होती है। यहां वाहनों का दबाव अधिक है इसलिए वन-वे का पालन कराया जाना चाहिए। सब्जी मंडी अन्य जगह स्थानांतरित करना आवश्यक है।
संजय अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष, दौलतगंज व्यापारी एसोसिएशन
बिना प्लानिंग समस्या हल नहीं होगी
कंठाल से गोपाल मंदिर व मालीपुरा वन-वे है। इसके अलावा नए मार्ग भी वन-वे के लिए प्लान करने चाहिए, क्योंकि पुराने शहर में आने-जाने के रास्ते बहुत हैं। बस प्लानिंग की जरूरत है। गोपाल-मंदिर छत्री चौक क्षेत्र में फुटपाथ व्यवसायी व ठेले वालों को वैकल्पिक जगह दे दी जाए जिससे सड़कें अतिक्रमण मुक्त रहे।
विजय डेविड, सेवानिवृत्त एएसपी ट्रैफिक