कोरोना से डेढ़ माह में 9 मरीजों की मौत:1 दिन में 10 संदिग्ध मौतें, 5 दिन में 34 की जान गई…सबकुछ कोरोना जैसा

कोरोना की दूसरी लहर से जहां पॉजिटिव केस तीन गुना तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं मौत का आंकड़ा भी पहली लहर की तुलना में अब रफ्तार पकड़ रहा है। कोरोना के पहली लहर के अंतिम चार महीनों (अक्टूबर 2020 से जनवरी 2021) में जहां मौत का आंकड़ा 10 था, वह अब दूसरी लहर के सिर्फ डेढ़ महीने में ही 9 तक पहुंच गया है। चिंता की बात यह भी है कि सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज इन 9 मौतों के अलावा हाल ही के पांच दिनों में 34 संदिग्ध मरीजों का अंतिम संस्कार भी किया गया है।

पिछले साल मार्च में उज्जैन में कोरोना ने दस्तक दी थी। तब से दिसंबर तक के 10 महीनों में से कोई भी महीना ऐसा नहीं गुजरा, जब कोरोना से मौतें नहीं हुई हो। वर्ष 2021 में भी मौत का सिलसिला जारी रहा। जनवरी में दो मौत हुई थी, जिन्हें मिलाकर कोरोना के इस पहले दौर में मौत का आंकड़ा 103 पर आकर थमा।

जिले में 20 फरवरी के बाद दूसरी लहर बनी खतरनाक, मौतें भी होने लगी : जिले में कोरोना की दूसरी लहर 20 फरवरी 2021 के बाद शुरू हुई। इसलिए कि 18 फरवरी को आई 64 सैंपलों की जांच रिपोर्ट में से एक भी नया कोरोना पॉजिटिव नहीं आया था। ऐसा पूरे कोरोना काल में पांचवीं बार हुआ था। तब एक्टिव रोगियों की संख्या भी घटकर केवल 43 रह गई थी। ऐसा माना जा रहा था कि मार्च अंत तक जिला कोरोना मुक्त हो जाएगा। लेकिन 20 फरवरी के बाद संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती गई। मौतें भी होने लगी।

किसे संदिग्ध रोगी मान रहे हैं चिकित्सक… सीएमएचओ डॉ महावीर खंडेलवाल ने बताया ऐसे रोगी जिनमें सर्दी, खांसी व बुखार सहित कोरोना के अन्य लक्षण हो, लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आने के बावजूद इनकी सेहत में सुधार नहीं हो रहा हो उन्हें संदिग्ध रोगी माना जा रहा है। इसलिए भी कि लगातार इलाज के बावजूद भी इन रोगियों की हालत गंभीर होती चली जाने व मौत तक हो जाने पर यह संदिग्ध माने जा रहे हैं।

सीएनजी शवदाह गृह खराब, कोरोना संदिग्ध शवों की लकड़ी-कंडों से अत्येंष्टि

चक्रतीर्थ और त्रिवेणी मुक्तिधाम पर सोमवार को 10 शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार किया गया। त्रिवेणी का सीएनजी शवदाह गृह खराब होने से लकड़ी कंडे की चिता पर अंत्येष्टि की गई। बढ़ते मौत के आंकड़े और अंत्येष्टि की दिक्कत चिंता का विषय है। कोरोना फैलने के साथ ही पॉजिटिव और संदिग्ध पीड़ितों की मृत्यु का आंकड़ा बढ़ रहा है। 1 से 5 अप्रैल तक 34 मरीजों की मौत हुई है। इनमें सबसे ज्यादा 10 मौत सोमवार को हुई। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कोरोना पॉजिटिव और संदिग्ध मरीजों की मृत्यु पर अंतिम संस्कार विद्युत शवदाह गृह या सीएनजी शवदाह गृह में किया जाना है।

चक्रतीर्थ का विद्युत शवदाह गृह बंद होने से इनके अंतिम संस्कार के लिए त्रिवेणी के सीएनजी शवदाह गृह तय किया है। इसे तीन दिन पहले ही सुधारा था। सोमवार सुबह सीएनजी शवदाह गृह खराब हो गया। सुबह केवल एक ही शव का दाह संस्कार हो सका था। इसके बाद लाए गए शवों का संस्कार लकड़ी कंडों की चिता पर कराया गया। शाम करीब 4.30 बजे तक सुधार कार्य के बाद नगर निगम के उपयंत्री जितेंद्रसिंह व प्रभारी राजकुमार राठौर ने दावा किया कि शवदाह गृह ठीक हो गया है। जितेंद्रसिंह ने बताया कि तकनीकी सुधार करने के लिए शवदाह गृह बंद किया था। यह चालू हो गया है। अब इसमें अंत्येष्टि की जा सकेगी।

खतरनाक है दूसरी लहर : 43 दिनों का लेखा-जोखा

    • 20 फरवरी से कोरोना की दूसरी लहर शुरू हुई। इस दिन एक्टिव केस केवल 43 थे।
    • 4 अप्रैल तक एक्टिव रोगियों की संख्या बढ़कर 936 हो गई। सर्वाधिक एक्टिव केस 686 तो अकेले मार्च ही बढ़ गए थे।
    • दूसरी लहर के 43 दिनों में 09 मौतें भी हुई। सरकारी रिकॉर्ड में मौतों का आंकड़ा 112 तक जा पहुंचा।
    • दूसरी लहर के एक से पांच अप्रैल तक 34 संदिग्ध रोगियों का भी अंतिम संस्कार किया गया।

यह वजह पॉजिटिव केस व मौतों का आंकड़ा बढ़ने की

  • वैक्सीन के बाद लोग बेफ्रिक।
  • इन्होंने मास्क पहनना छोड़ दिया।
  • भीड़ वाले कार्यक्रमों में जा रहे।
  • डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा।
  • दूसरे शहर में आवागमन किया।
  • सर्दी-खांसी व बुखार को सामान्य रोग समझा जा रहा है।
  • वायरस से लंग्स में इंफेक्शन व सांस लेने में तकलीफ बढ़ी है

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