- नंदी हाल से गर्भगृह तक गूंजे मंत्र—महाकाल के अभिषेक, भस्मारती और श्रृंगार के पावन क्षणों को देखने उमड़े श्रद्धालु
- महाकाल की भस्म आरती में दिखी जुबिन नौटियाल की गहन भक्ति: तड़के 4 बजे किए दर्शन, इंडिया टूर से पहले लिया आशीर्वाद
- उज्जैन SP का तड़के औचक एक्शन: नीलगंगा थाने में हड़कंप, ड्यूटी से गायब मिले 14 पुलिसकर्मी—एक दिन का वेतन काटने के आदेश
- सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संदेश, उज्जैन में निकला भव्य एकता मार्च
- सोयाबीन बेचकर पैसा जमा कराने आए थे… बैंक के अंदर ही हो गई लाखों की चोरी; दो महिलाओं ने शॉल की आड़ में की चोरी… मिनट भर में 1 लाख गायब!
खतरों के बीच ऐसा त्याग:घर वालों को नहीं पता हम कोरोना से मृत लोगों की लाशें ढो रहे
जब लोग घरों में हैं तब 40 डिग्री तापमान में भी सुबह से रात तक संक्रमित शवों को उठाकर मोक्षधाम पहुंचाने की अगर कोई हिम्मत कर रहा है तो असल में कोरोना योद्धा वही है। शर्मनाक है कि जान दांव पर लगाने वाले ऐसे योद्धाओं की जिंदगी और उसके परिवार की चिंता नगर निगम काे नहीं है। मात्र 6 से 7 हजार रुपए वेतन में काम कर रहे इन कर्मचारियों को संक्रमण से बचाव के लिए जो किट दी जा रही है, वह दोयम दर्जे की है। शवों को उठाने, रखने में ही फट रही है। ऐसे में जिम्मेदार यह बताएं कि इससे संक्रमण कैसे रुकेगा।
मजबूरी ऐसी
निगम द्वारा सैनिटाइजर आदि उपलब्ध नहीं कराने के सवाल पर कर्मचारी बोले- हमें हमारे हाल पर छोड़ दो…आप हमारा फोटो छाप दोगे तो घरवाले घर से निकलने नहीं देंगे। लॉकडाउन में काम छूट गया है। भूख तो सबको रोज लगती है, झूठ बोलकर यह काम कर रहे हैं ताकि परिवार चला सका। हाथ जोड़ते हैं हमारा नाम या फोटो मत छापना।