धर्म और कर्म साथ-साथ:15 घंटे के रोजे के बीच इंदौर से उज्जैन आकर कोविड सेंटर संभालती हैं 2 लेडी डॉक्टर

सेवा का जज्बा हो तो सामने पहाड़-सी दिखने वाली परेशानी भी छोटी हो जाती है। कोरोना का संक्रमण और ऊपर से 15 घंटे का रोजा। साथ ही ऑटो से रोज 110 किलोमीटर का सफर किसी की भी हिम्मत को डिगा सकता है, लेकिन इंदौर की दो यंग लेडी डॉक्टर अपने फर्ज से पीछे नहीं हटीं। वे रोज इंदौर से उज्जैन कोविड मरीजों के इलाज के लिए आती हैं।

इंदौर की रहने वाली डॉक्टर सोबिया अंसारी और डॉक्टर रुखसार शेख की ड्यूटी उज्जैन के कोविड टेस्ट सेंटर में लगी है। शहर के माधव नगर कोविड अस्पताल में टेस्टिंग की सुविधा है। लिहाजा, नए शहर का पूरा बोझ इसी अस्पताल पर है। फीवर क्लीनिक में बड़ी संख्या में सर्दी-खांसी और बुखार वाले मरीज आते हैं।

दोनों लेडी डॉक्टरों को सुबह 8 बजे अस्पताल पहुंचना होता है। दोनों के रोजे चल रहे हैं। लिहाजा, रोजाना सुबह 3 बजे उठना पड़ता है। फिर दोपहर के 2 बजे तक यानी लगातार 6 घंटे तक दोनों कोविड मरीजों की देखभाल करती हैं। इसके बाद शाम 4 बजे तक इंदौर लौटती हैं। थकने के सवाल पर दोनों कहती हैं, ‘थकान तो मरीजों को देख कर ही उतर जाती है।’

यही लगता है कि मरीज 3-3 घंटे लाइन में होंगे, जल्द पहुंच जाएं

डॉ. रुखसार ने कहा, ‘जैसे भी हो, सबसे पहले खुदा की इबादत करते हैं और फिर मानव सेवा में जुट जाते हैं। घर से निकलते हैं, तो बस यही लगता है कि उज्जैन में मरीज को 3 -3 घंटे की लाइन में नहीं लगना पड़े। अभी भीड़ ज्यादा है। इसके बावजूद सभी मरीजों को देखते हैं। सुबह धर्म को मान रहे हैं, तो ड्यूटी पर सेवा और कर्म कर रहे हैं।’

रोजा रखना हमारा धर्म है, मानव सेवा हमारा कर्म

इंदौर की ही रहने वाले डॉ. सोबिया कहती हैं, ‘सुबह से उठ जाना और फिर दिन भर भूखे रहना वो खुदा के लिए है। यह हमारा धर्म है। दिन में 8 से 2 बजे तक इस महामारी के दौर में मानव सेवा करते हैं। यही हमारा कर्म है।’

रोजाना जाती हैं ऑटो से

डॉ.सोबिया और डॉ. रुखसार दोनों ने नेशनल हेल्थ मिशन के तहत करीब 3 महीने पहले आयुष विभाग में नौकरी ज्वॉइन की थी। उज्जैन में घर खोज ही रही थीं कि कोरोना कर्फ्यू लग गया। बसें भी बंद हो गईं। ऐसे में 15 दिन पहले घर के पास रहने वाले ऑटो चालक से बात की। तब से वे ऑटो से ही आना-जाना करती हैं।

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