महाभियान की तैयारी:शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए तीन आंगनवाड़ी केंद्रों के बीच एक वाहन चलेगा

जिले में 17 सितंबर को वैक्सीनेशन का महाअभियान होगा। इसे लेकर प्रशासन बेहद गंभीर है। कलेक्टर आशीष सिंह ने सोमवार काे टीएल बैठक में सभी एसडीएम, जिला टीकाकरण अधिकारी, सीएमएचओ व सिविल सर्जन को निर्देश दिए हैं कि अभियान के इस दिन जिले में शत-प्रतिशत लोगों को फर्स्ट डोज लगाया जाना सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि अपने-अपने सब डिविजन में कंट्रोल रूम स्थापित कर वैक्सीन से बचे हुए लोगों को फोन लगा केंद्रों तक लाएं। कलेक्टर ने उज्जैन नगर में प्रत्येक तीन आंगनवाड़ी पर एक वाहन तैनात कर लोगों को घरों से निकालकर केंद्र तक लाने की जिम्मेदारी जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी को सौंपी।

10 डोज बचे थे, स्वास्थ्यकर्मी 4.30 बजे ही सेंटर बंद कर चले गए, लोगों को बिना टीका लगवाए लौटना पड़ा

कोरोना की तीसरी लहर से लोगों को सुरक्षित करने के लिए जिले में चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान में सेंटर पर खुद स्वास्थ्यकर्मी लोगों को वैक्सीन से वंचित कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सोमवार को यूनानी दवाखाना लोहे का पुल सेंटर पर सामने आया है।

यहां टीका लगवाने के लिए पहुंचे लोगों को खाली लौटना पड़ा। 10 डोज बचे होने के बावजूद यहां के कर्मचारी शाम 4.30 बजे ही सेंटर बंद कर चले गए। अपनी बारी का इंतजार कर रहे लोगों को बिना टीका लगवाए लौटना पड़ा।

सेंटर पर मौजूद लोगों ने बताया कि 10 डोज होने और लोगों के मौजूद होने के बावजूद रजिस्ट्रेशन करना बंद कर दिया गया था। हम लोगों ने उन्हें वैक्सीन लगाने के लिए कहा तो उनका कहना था कि वायल तभी खुलेगा जब 10 लोग होंगे।

उसके बाद कर्मचारी सेंटर बंद कर चले गए। उन्हें सेंटर से जाने की जल्दी थी। सर्वर डाउन होने का बहाना भी बनाते रहे। इस वजह से हम लोग वैक्सीन नहीं लगवा पाए। जिले में 100 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगाकर कोरोना से सुरक्षित करने के लिए एक तरफ जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन करने में जुटा हैं और दूसरी तरफ कर्मचारी तय समय से पहले ही सेंटर छोड़कर जा रहे हैं।

सेंटर पर मौजूद लोग वैक्सीन लगवाने के इंतजार में ही खड़े रहते हैं। जिला टीकाकरण विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि अंतिम समय में 10 लोगों के मौजूद नहीं होने से वायल नहीं खोला जा सकता है।

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