- बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री रिमी सेन पहुंचीं महाकाल मंदिर, 10 मिनट तक किया जाप!
- भस्म आरती: मस्तक पर भांग, चन्दन और त्रिपुण्ड अर्पित कर बाबा महाकाल का किया गया दिव्य श्रृंगार!
- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का उज्जैन दौरा: राहगीरी में दिखा अनोखा अंदाज! लाठी घुमाई, पंजा लड़ाया और की घुड़सवारी
- गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश पर्व आज: CM डॉ. मोहन यादव ने माथा टेककर किया गुरु गोविंद सिंह जी को नमन, सिख समाज ने किया CM यादव का सम्मान
- भस्म आरती: त्रिशूल, त्रिपुंड, चंद्र, बिल्व पत्र और गुलाब की माला से किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार!
आज से छोटे होंगे दिन:बदल जाएगा दिन-रात का समय, 22 दिसंबर तक सूर्योदय-सूर्यास्त के समय में डेढ़ घंटे का अंतर
23 सितंबर यानी वो दिन जब साल में एक बार दिन व रात बराबर होते हैं। आज से यानी 24 सितंबर से दिन छोटे होने लगेंगे। इस दौरान सूर्यास्त जल्द होता है और सूर्योदय देरी से। यह क्रम 22 दिसंबर तक चलता है। इस दिन के आते-आते दिन और रात में डेढ़ घंटे का अंतर हो जाता है।
जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि 22 दिसंबर को दिन सबसे छोटा 10.30 घंटे का होता है। रात सबसे ज्यादा लंबी 13.30 घंटे की होती है। 24 सितंबर से सूर्य के दक्षिणी गोलार्ध में प्रवेश करने के बाद सूर्योदय अंश मात्र की देरी से और सूर्यास्त अंश मात्र जल्द होता है। हालांकि इसे घड़ी से नहीं मापा जाता। हमारे पंचांग इस मामले में सटीक जानकारी देते हैं। वे सूर्योदय और सूर्यास्त का वास्तविक समय बताते हैं।
सूर्य 23 सितंबर को विषुवत रेखा पर लंबवत होता है। इसे वेधशाला में लगे दो यंत्रों के माध्यम से समझा जा सकता है। शंकु यंत्र का ऊपरी सिरा विषुवत रेखा पर एक सीध में ही चलता है। अन्य दिनों में वह वक्रीय होता है। इसी तरह नाड़ी वलय यंत्र पर आज धूप नहीं गिरती। इसका उत्तरी व दक्षिणी गोलार्ध दोनों ही सिरों पर छांव रहती है।
किसी भी शहर में बना सकते हैं ये यंत्र
वेधशाला अधीक्षक डॉ. गुप्त ने कहा ये यंत्र किसी भी शहर में बनाए जा सकते हैं। इसके पहले हमें वहां की भौगोलिक स्थिति के बारे में बहुत ही सूक्ष्मता के साथ अध्ययन करना होगा। यह प्राकृतिक घटना है। इसे भौगोलिक के साथ गणितीय आधार पर भी समझना होगा। हमने मप्र के कुछ स्कूलों में इस तरह के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया है। जल्द ही, वहां भी इस तरह के यंत्र लगाए जा सकेंगे।
गुप्त ने कहा कि उज्जैन कालगणना का केंद्र है, इसलिए वेधशाला में लगे सभी यंत्र तो हर जगह नहीं लगाए जा सकते लेकिन इनमें से कुछ यंत्रों को अन्य किसी भी शहर में स्थापित किया जा सकता है।
पिछल 9 दिन के सूर्योदय व सूर्यास्त के समय में आए अंतर को ऐसे समझ सकते हैं
दिन सूर्योदय (सुबह) सूर्यास्त (शाम)
15 सितंबर 6.19 6.30
16 सितंबर 6.14 6.29
17 सितंबर 6.14 6.28
18 सितंबर 6.14 6.27
19 सितंबर 6.15 6.26
20 सितंबर 6.15 6.25
21 सितंबर 6.16 6.24
22 सितंबर 6.16 6.23
23 सितंबर 6.16 6.22
24 सितंबर 6.16 6.21