महाकाल मंदिर में प्रवेश और निर्गम का एक ही मार्ग, अव्यवस्थाओं का शिकार….

प्रीपेड बूथ से हरसिद्धि चौराहे तक 60 फीट सड़क आधे पर अतिक्रमण, पैदल चलना भी मुश्किल

सड़क किनारे वाहन पार्किंग, हाथ ठेले और लगी दुकानें, निर्माण कार्य भी बाधक

उज्जैन।महाकालेश्वर मंदिर परिसर विस्तार योजना के चलते मंदिर के तीन तरफ निर्माण कार्य चल रहे हैं। लोगों का आवागमन सिर्फ महाकाल मंदिर प्रीपेड बूथ के सामने से हरसिद्धि चौराहे की तरफ हो रहा है जिस पर वाहन पार्किंग, हाथ ठेले और सड़क पर दुकान लगाने वालों ने 60 फीट चौड़ी सड़क को 30 फीट का कर दिया है जिस पर लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है।

रूद्रसागर, भारत माता मंदिर की ओर व पुराने प्रशासक कार्यालय तीन तरफ महाकालेश्वर मंदिर परिसर विस्तार योजना के तहत निर्माण कार्य जारी हैं। वर्तमान में दर्शनों के लिये लोगों को हरसिद्धि चौराहे से प्रवेश दिया जा रहा है। लोगों की लाईन बड़ा गणेश से होते हुए शंख द्वार से प्रवेश दिया जा रहा है। इसके अलावा वीआईपी, प्रोटोकॉल, भस्मार्ती आदि के लिये लोगों को गेट नं. 5 से प्रवेश दिया जा रहा है। इन दोनों प्रवेश द्वार पर आवागमन के लिये लोगों को महाकाल मंदिर के सामने स्थित प्रीपेड बूथ और हरसिद्धी चौराहे से ही प्रवेश करना पड़ता है। कई लोग अपने दो पहिया और चार पहिया वाहनों से इस रोड पर पहुंच रहे हैं।

प्रोटोकॉल प्रवेश द्वार के पास ही अपने वाहनों को खड़ा कर रहे हैं। इन वाहनों की कतार लगने के बाद उसके आगे ठेले वालों ने अपनी दुकान लगा ली। वहीं रोड़ के दूसरे छोर पर भी यही स्थिति बन रही है इस कारण 60 फीट से अधिक चौड़ा रोड़ अतिक्रमण और वाहन पार्किंग के कारण 30 फीट से भी छोटा हो गया है।

अवकाश और पर्व के दिनों में बढ़ती परेशानी: मंदिर प्रशासन द्वारा एक ओर देश भर से आने वाले श्रद्धालुओं को सुगमता से भगवान के दर्शन कराने के लिये व्यवस्था बनाना पड़ती है वहीं दूसरी ओर मंदिर के बाहर अतिक्रमण और अघोषित पार्किंग के कारण यही लोग पैदल चलने में भी परेशान हो रहे हैं।

गर्भग़ृह में प्रवेश रहा प्रतिबंधित
महाकाल मंदिर में शनिवार व रविवार को श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़े। भारी भीड़ के चलते सामान्य दर्शनार्थियों का गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहा। पुजारी, पुरोहित के यजमान व प्रोटोकाल के तहत आने वाले वीआइपी को 1500 रुपये की रसीद पर गर्भगृह से भगवान महाकाल के दर्शन कराए गए।

कोरोना गाईडलाइन खत्म होने के बाद ६ दिसंबर से महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रारंभ हो गया है। शनिवार, रविवार तथा सोमवार को अधिक संख्या में भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने आते हैं। मंदिर समिति इसी अनुसार दर्शन व्यवस्था निर्धारित की है। सप्ताह के इन तीन दिनों में सामान्य दर्शनार्थियों का गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रखा जा रहा हैं। शनिवार को भीड़ अधिक होने पर सुबह से ही मंदिर के गर्भगृह में आम भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था।

यहीं व्यवस्था रविवार को रखी गई। सामान्य दर्शनार्थियों को गणेश मंडपम् से भगवान महाकाल के दर्शन कराए गए, बावजूद इसके दर्शनार्थियों की कतार मंदिर से डेढ़ किलो मीटर दूर चारधाम मंदिर तक पहुंच गई थी। भक्त को दो से तीन घंटे में भगवान महाकाल के दर्शन हुए। आने वाले दिनों में दर्शनार्थियों की संख्या में ओर इजाफा होगा। 25 दिसंबर से 4 जनवरी तक करीब 10 दिन आस्था का सैलाब उमड़ेगा। मंदिर प्रशासन अत्यधिक भीड़ को देखते हुए क्राउड मैनेजमेंट का नया प्लान तैयार करा रहा है।

पुलिस पाइंट के बाद भी आते हैं वाहन
प्रीपेड बूथ पर तैनात यातायात थाने के पुलिसकर्मी द्वारा माइक से एनाउंस कर वाहन चालकों को निर्देशित तो किया जाता है लेकिन दो पहिया वाहन चालक इसी बूथ से 50 फीट दूर दो पहिया वाहन खड़े करते हैं जिन्हें पुलिसकर्मी नहीं हटाते इसी प्रकार हरसिद्धी चौराहे पर महाकाल थाने और यातायात थाने के पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं उसके बावजूद दो पहिया तो ठीक चार पहिया वाहन चालक अपने वाहन लेकर बड़ा गणेश मंदिर होते हुए सराफा स्कूल पार्किंग तक आ रहे हैं।

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