- 'छोटा अमरनाथ': जोशीमठ की नीति घाटी में बाबा बर्फानी ने लिया अवतार, दर्शन के लिए उमड़ रहे श्रद्धालु
- भस्म आरती: हनुमान अष्टमी पर्व आज, बाबा महाकाल को त्रिपुण्ड, ड्रायफ्रूट, वैष्णव तिलक अर्पित कर किया गया हनुमान जी स्वरूप में दिव्य श्रृंगार!
- उज्जैन आईटी पार्क: भूमिपूजन से पहले उज्जैन आईटी पार्क को मिली जबरदस्त सफलता, 11 कंपनियों की आई जबरदस्त डिमांड
- भस्म आरती: मस्तक पर सूर्य, भांग, चन्दन और त्रिपुण्ड अर्पित कर किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार!
- भस्म आरती: बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार त्रिपुण्ड, भांग, चन्दन अर्पित करके किया गया!
अंतिम संस्कार के लिए भी संघर्ष:त्रिवेणी मोक्ष धाम पर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी और कंडे नहीं मिल रहे, गोडाउन पर लगा है ताला
- ट्रस्ट और नगर निगम की खींचतान के चलते बिगड़ी व्यवस्था
- यहां नगर निगम की ओर सीएनजी शवदाह गृह का संचालन किया जा रहा
इंदौर रोड स्थित त्रिवेणी मोक्ष धाम पर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी-कंडे तक उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। यहां स्थित गोडाउन पर ताला लगा है। कोरोना काल से यह नगर निगम के अधीन है और निगम के कर्मचारियों ने यहां के गोडाउन पर ताला लगा रखा है। त्रिवेणी मोक्ष धाम सार्वजनिक पारमार्थिक न्यास और नगर निगम के बीच में इसका संचालन उलझा हुआ है। कोरोना काल के पहले त्रिवेणी मोक्ष धाम सार्वजनिक पारमार्थिक न्यास द्वारा संचालन किया जा रहा था और कोरोना काल में नगर निगम ने इसे अपने अधीन ले लिया था।
उस समय उपलब्ध लकड़ी-कंडों का उपयोग निगम ने किया था, जो कि ट्रस्ट के थे। त्रिवेणी मोक्ष धाम पर हर रोज तीन से चार शवों को अंतिम संस्कार के लिए लाया जाता है। मोक्ष धाम पर लकड़ी-कंडे नहीं होने से लोगों को इनके इंतजाम में जुटना पड़ता है। ट्रस्ट के दीपक पुरोहित का कहना है कि कोरोना काल के समय नगर निगम ने न्यास से मोक्ष धाम ले लिया था यानी निगम के अधीन हो गया था। उस समय यहां करीब सात टन लकड़ी थी, जिसका उपयोग कोरोना काल में लोगों की मौत होने पर अंतिम संस्कार में कर दिया गया। अब नगर निगम की ओर से लकड़ी-कंडे की उपलब्धता या इसका हिसाब ट्रस्ट को नहीं दिया जा रहा है। निगम मोक्ष धाम को भी ट्रस्ट को हैंडओवर नहीं कर रहा है। ऐसे में ट्रस्ट इसका संचालन नहीं कर पा रहा है। गोडाउन पर ताला लगा हुआ है। नए शहर के रूप में विकसित हो रहे इंदौर रोड की कॉलोनियों में किसी का निधन होने पर अंतिम संस्कार के लिए त्रिवेणी के समीप मुक्ति धाम का निर्माण किया था।
निगम हिसाब दे और ट्रस्ट को मोक्ष धाम वापस हैंडओवर करें
ट्रस्टी अजय लाला जागीरदार का कहना है कि माेक्ष धाम नगर निगम के अधीन है। कोरोना से पहले मोक्ष धाम का संचालन त्रिवेणी मोक्षधाम सार्वजनिक पारमार्थिक न्यास द्वारा किया जा रहा था। लकड़ी-कंडे जो डेढ़-दो लाख के थे, उसका निगम की ओर से हिसाब नहीं दिया जा रहा है। ट्रस्ट के पदाधिकारी नगर निगम आयुक्त से जनवरी में मिले थे। उन्हें लकड़ी-कंडे की नगर निगम की पावती भी दिखाई थी। उसके बाद भी मोक्ष धाम को ट्रस्ट को हैंडओवर नहीं किया जा रहा है और न हिसाब दे रहे हैं।
2017-18 में बना था मोक्ष धाम
वर्ष-2009 में ट्रस्ट का गठन किया गया और उसके बाद त्रिवेणी मोक्ष धाम का निर्माण शुरू करवाया गया। 2017-18 में पूर्ण होने के बाद इसका संचालन शुरू कर दिया था। यहां नगर निगम की ओर सीएनजी शवदाह गृह का संचालन किया जा रहा है।
समस्या का निदान करवाएंगे
त्रिवेणी मोक्ष धाम के संचालन और यहां लकड़ी-कंडे की समस्या मेरे संज्ञान में आई है। इसे लेकर अधिकारियों से चर्चा कर समस्या का निदान करवाया जाएगा।
मुकेश टटवाल, महापौर