- भस्म आरती: बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार त्रिपुण्ड, भांग, चन्दन अर्पित करके किया गया!
- भस्म आरती: राजा स्वरूप में सजे बाबा महाकाल, त्रिपुण्ड, त्रिनेत्र, चन्दन और फूलों की माला अर्पित कर किया गया दिव्य श्रृंगार
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नगर भ्रमण पर निकले बाबा काल भैरव, सशस्त्र पुलिस जवानों ने दी सलामी; डोल ग्यारस पर निकली झांकियां: बैरवा समाज के अलावा बड़े गोपाल मंदिर और महर्षि सांदीपनि आश्रम में मनाया गया डोल ग्यारस पर्व
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन, एक प्राचीन और महत्वपूर्ण धार्मिक नगरी है। यह विशेष रूप से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इस नगरी में कई प्राचीन मंदिर और आश्रम स्थित हैं। यहाँ हर त्यौहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
इसी के चलते उज्जैन में डोल ग्यारस पर्व की धूम देखने को मिली। डोल ग्यारस पर शनिवार को शाम चार बजे से भैरवगढ़ क्षेत्र स्थित बाबा महाकाल के सेनापति श्री काल भैरव मंदिर से बाबा काल भैरव की सवारी धूमधाम से निकली। सवारी निकलने के पहले कलेक्टर व एसपी ने भगवान काल भैरव की प्रतिमा का पूजन आरती कर पालकी को कंधा लगाकर नगर भ्रमण के लिए रवाना किया। भगवान काल भैरव का पूजन कर पगड़ी धारण कराई गई। सवारी के मुख्य गेट से बाहर आने पर सशस्त्र पुलिस जवानों द्वारा सलामी दी गई। सवारी के साथ पुलिस बल के सशस्त्र जवान, बैंड, ढोल, ध्वज, घोड़े, बग्घी के साथ ही बड़ी संख्या में भक्त भी शामिल थे।
वहीं, काल भैरव मंदिर से सवारी प्रारंभ होकर केंद्रीय जेल भैरवगढ़ पहुंची, जहां जेल गेट पर पुलिस बल ने गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया। इस दौरान जेल सुपरिटेंडेंट द्वारा पालकी में विराजित बाबा काल भैरव का पूजन कर आरती की गई। जेल के अंदर से ही बड़ी संख्या में कैदियों ने बाबा भैरवनाथ के दर्शन किए। पूजन के पश्चात सवारी शिप्रा तट सिद्धनाथ मंदिर पहुंची।
बता दें, परंपरानुसार डोल ग्यारस पर प्रसिद्ध श्री कालभैरव मंदिर से बाबा काल भैरव की सवारी निकाली जाती है। भगवान काल भैरव पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण करते हैं। इस दौरान भक्तों द्वारा भगवान काल भैरव से सभी के कल्याण के लिए प्रार्थना की जाती है।
वहीं, डोल ग्यारस पर शहर में बैरवा समाज का फूलडोल चल समारोह निकला। इस दौरान लोगों ने भगवान श्री कृष्ण के दर्शन कर झांकियों का आनंद लिया। बैरवा समाज के अलावा बड़े गोपाल मंदिर से भी भगवान का डोल निकला। वहीं, भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली महर्षि सांदीपनि आश्रम में शनिवार को डोल ग्यारस के महापर्व मनाया गया।