भस्म आरती: राजा स्वरूप में बाबा महाकाल ने दिए भक्तों को दर्शन, त्रिनेत्र त्रिपुण्ड चंद्र ड्रायफ्रूट तिलक से किया गया बाबा का श्रृंगार

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार की सुबह सभा मंडप में वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन कर घंटी बजाई गई, जिसके बाद भगवान से आज्ञा लेकर सभा मंडप के चांदी के पट खोले गए। इसके पश्चात गर्भगृह के पट खोलकर भगवान को जल से स्नान कराया गया। नंदी हाल में भी नंदी जी का स्नान, ध्यान और पूजन किया गया।

मंदिर के कपाट खुलने के बाद भगवान महाकाल का दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया। इसके बाद प्रथम घंटाल द्वारा हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के उपरांत, बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में दिव्य श्रृंगार त्रिनेत्र त्रिपुण्ड चंद्र ड्रायफ्रूट तिलक अर्पित करके किया गया। इसके बाद, महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई और भगवान महाकाल को भस्म चढ़ाई गई। मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के पश्चात भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं।

इस अवसर पर बाबा महाकाल ने शेमस्तक पर चंदन का तिलक और शेषनाग का रजत मुकुट धारण कर रजत की मुंडमाला और रजत जड़ी रुद्राक्ष की माला के साथ-साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की। बाबा को फल और मिष्ठान का भोग अर्पित किया गया।

इसी बीच, जैसे ही मंदिर में बाबा महाकाल के दर्शन प्रारंभ हुए, चारों ओर जय श्री महाकाल की गूंज सुनाई देने लगी और बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त किया।

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