चौंसठ योगिनी का मंदिर

पुराने शहर के नयापुरा क्षेत्र में देवी के रूप में चौंसठ योगिनियों का अनूठा है। इसे तंत्र साधना और पूजा के लिए भी प्रमुख स्थान माना जाता है। मंदिर का नाम सुनकर भक्तों में मन में यह सवाल जरूर आता है कि यहां देवी रूप में चौंसठ प्रतिमाएं विराजित होगी। लेकिन ऐसा कहते हैं कि यहां कई प्रतिमाएं हैं पर अलग-अलग संख्या में चौंसठ प्रतिमाएं विराजित नहीं है। यह भी मान्यता है कि राजा विक्रमादित्य के समय से चौंसठ योगिनियों का स्थान है। प्राचीन काल से यह मंदिर यहां विद्यमान है। योगिनियां देवी का स्वरूप ही हैं।

नवरात्रि में उमड़े हजारों भक्त
चौसठ योगिनी माता मंदिर में यूं तो वर्षभर ही दर्शन-पूजन के लिए भक्त आते रहते हैं। मुराद पूरी होने पर मां को प्रसाद चढ़ाते हैं लेकिन नवरात्रि के दौरान यहां प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु उमड़े। उज्जैन में प्रदेश का तीसरा मंदिर : चौसठ योगिनियों के कई जगह मंदिर है। लेकिन मप्र में तीन बड़े मंदिरों में जबलपुर के भेड़ाघाट पर नर्मदा किनारे पहाड़ी पर किलेनुमा और चंबल संभाग में चौसठ योगिनियों के मंदिर है। तीसरा प्रमुख मंदिर उज्जैन का है, जो राजा विक्रमादित्य के कार्यकाल के समय का है।

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