महाकाल लोक में पहली बार श्रावण में हर रोज गूंजेगी शिव स्तुति, कलाकार करेंगे प्रस्तुति; 11 जुलाई से हर सोमवार होगी अलग थीम पर सवारियां!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन इस बार श्रावण मास में श्रद्धा और संस्कृति के अद्भुत संगम का गवाह बनने जा रहा है। 11 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावण माह में पहली बार महाकाल लोक में प्रतिदिन शिव स्तुति की स्वर लहरियां गूंजेंगी। यह विशेष आयोजन रोज शाम 6 बजे से रात 8 बजे तक चलेगा, जिसमें अलग-अलग कलाकार भगवान शिव की आराधना में अपनी प्रस्तुतियां देंगे। खास बात यह है कि उन कलाकारों को भी अवसर मिलेगा, जो श्रावण महोत्सव की मुख्य सांस्कृतिक सूची में स्थान नहीं बना पाए थे। इससे महाकाल लोक न सिर्फ भक्ति से ओतप्रोत रहेगा, बल्कि स्थानीय कलाकारों की प्रतिभा को भी मंच मिलेगा।

श्रावण में हर सोमवार भगवान महाकाल की शाही सवारी निकलेगी। इस बार सवारियों को विशेष थीम आधारित रूप दिया गया है। पहली सवारी 14 जुलाई को निकलेगी, जो वैदिक उद्घोष की थीम पर होगी। इसमें बटुकों के दो दल मंत्रोच्चार करते हुए चलेंगे। दूसरी सवारी 21 जुलाई को होगी, जिसमें अद्वितीय आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। तीसरी सवारी 28 जुलाई को पुलिस, सेना और निजी बैंड दलों के साथ निकाली जाएगी, जिससे अनुशासन और वीरता की झलक दिखेगी। चौथी सवारी 4 अगस्त को पर्यटन की थीम पर आधारित होगी, जिसमें उज्जैन की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक छवि को उजागर किया जाएगा। पांचवीं सवारी 11 अगस्त को पूरी तरह धार्मिक थीम पर निकाली जाएगी। वहीं, श्रावण मास की अंतिम और सबसे खास राजसी सवारी 18 अगस्त को भव्यता के साथ निकलेगी।

श्रावण मास में भगवान महाकालेश्वर के दर्शन को लेकर भी प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं। मंदिर प्रबंधन के अनुसार, श्रावण-भादौ मास के सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर का गेट नंबर 4 दोपहर 12 बजे से बंद कर दिया जाएगा। इस दौरान शीघ्र दर्शन का टिकट लेने वाले श्रद्धालुओं को भी गेट नंबर 1 से ही प्रवेश दिया जाएगा। यह व्यवस्था भक्तों की भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए की गई है, ताकि हर कोई सुगमता से दर्शन लाभ प्राप्त कर सके।

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