उज्जैन कांग्रेस में अंदरूनी संघर्ष तेज: नोटिस के विरोध में कार्यकर्ताओं ने तय किया जवाबी कार्रवाई और मानहानि नोटिस का विकल्प, बोले – “उज्जैन के सच्चे सिपाही” की छवि पर उठे सवाल!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन में कांग्रेस संगठन सृजन के तहत विधायक महेश परमार को जिला अध्यक्ष नियुक्त करने के फैसले के बाद पार्टी में विरोध बढ़ गया है। इस पर प्रतिक्रिया स्वरूप प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति ने सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर विरोध जताने वाले 50 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी किया है। सभी को नोटिस प्राप्त होने के 15 दिन के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है। चेतावनी दी गई है कि यदि जवाब नहीं दिया गया तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

नोटिस पर प्रतिक्रिया और विरोध की तैयारी

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नोटिस जारी करने के फैसले को लेकर विरोध जताया है। उनका कहना है कि वाट्सएप और सोशल मीडिया के माध्यम से नोटिस प्रसारित करके “उज्जैन के सच्चे कांग्रेस सिपाही” की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई का जवाब उचित तरीके से दिया जाएगा और ऐसे कुंठित पदाधिकारियों के खिलाफ मानहानि का नोटिस जारी किया जाएगा।

विरोध में शामिल पूर्व विधायक डॉ. बटुकशंकर जोशी, महेश सोनी, मुरली मोरवाल, चेतन यादव, आजाद यादव, माया राजेश त्रिवेदी, हेमंति सह चौहान, विक्की यादव, नाना तिलकर, तबरेज खान, रमेश परिहार, दिनेश शर्मा तराना, कय्यूम नागौरी महिदपुर, धीरेजसिंह परमार घट्टिया, कैलाश बिसेन, और राजेंद्र कुवाल सहित कई पदाधिकारी शामिल थे।

इन नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बैठक में निर्णय लिया कि अनुशासन समिति द्वारा भेजे गए नोटिस के विरोध में वे उच्च पदाधिकारियों को मानहानि का नोटिस जारी करेंगे।

विरोध करने वाले नेताओं का आरोप है कि भेजे गए नोटिस अनुशासनहीनता के नाम पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा हैं। दीपक मेहरे ने कहा कि यह कार्रवाई उन कार्यकर्ताओं के खिलाफ की गई है जो राहुल गांधी के आंदोलन में “वोट चोर गद्दी छोड़” के नारे लगाते हुए यात्रा निकाल रहे थे।

इस मामले में कांग्रेस पार्टी के भीतर अंदरूनी मतभेद और संगठनात्मक तनाव स्पष्ट रूप से सामने आ रहे हैं।

 

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