27 अक्टूबर को निकलेगी कार्तिक माह की पहली महाकाल सवारी — इस बार मंदिर समिति का बैंड बनेगा भक्ति का नया आकर्षण; 3 नवंबर को निकलेगी कार्तिक माह की दूसरी और तीसरी महाकाल सवारी!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन में भक्तों के लिए कार्तिक-अगहन माह की पहली सवारी का इंतजार अब खत्म होने वाला है। रविवार, 27 अक्टूबर को भगवान महाकाल मनमहेश स्वरूप में नगर भ्रमण पर निकलेंगे। यह सवारी परंपरागत रूप से शाम 4 बजे श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडपम् में विधिवत पूजन-अर्चन के बाद प्रारंभ होगी।

इस बार की सवारी खास इसलिए भी है क्योंकि पहली बार श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति का अपना बैंड दल इसमें शामिल होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस बैंड का शुभारंभ दीपावली के दिन किया था।

 इन मार्गों से गुजरेगी भगवान महाकाल की सवारी

भगवान महाकाल की सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर पारंपरिक मार्ग से शहर भ्रमण करेगी।
सवारी गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए शिप्रा तट पहुंचेगी, जहां शिप्रा माता के पवित्र जल से भगवान का पूजन-अर्चन किया जाएगा।

इसके बाद सवारी का काफिला गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर और पटनी बाजार से होकर पुनः महाकालेश्वर मंदिर लौटेगा।

पहली बार मंदिर समिति का बैंड बनेगा आकर्षण का केंद्र

इस वर्ष महाकाल सवारी का एक नया आकर्षण होगा — मंदिर प्रबंध समिति का 30 सदस्यीय बैंड। इस बैंड में विभिन्न वाद्य यंत्रों से सजे कलाकार भक्ति गीतों और भजनों की प्रस्तुति देंगे, जिससे सवारी का माहौल और भी भक्तिमय बनेगा।

सहायक प्रशासक आशीष फलवाड़िया के अनुसार, बैंड की यह पहली प्रस्तुति कार्तिक माह की पहली सवारी में होगी। सवारी में पारंपरिक रूप से पुलिस बैंड, घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल और भजन संध्या मंडल भी शामिल रहेंगे।

अगली सवारी 3 नवंबर को

कार्तिक माह की दूसरी सवारी 3 नवंबर को शाम 4 बजे निकाली जाएगी। उसी दिन रात 11 बजे वैकुंठ चतुर्दशी पर हरिहर मिलन की सवारी भी होगी, जो श्री महाकालेश्वर मंदिर से प्रारंभ होकर द्वारकाधीश गोपाल मंदिर पहुंचेगी। पूजन-अर्चन के बाद सवारी रात में ही पुनः महाकाल मंदिर लौट आएगी।

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