उड़ीसा से मंगाया 6000 रुपए किलो का 40 किलो चंदन, भगवान को गर्मी से बचाने के लिए रोज लेप

उज्जैन | इस्कॉन में होने वाले इस शृंगार को चंदन यात्रा कहते हैं, जो अक्षय तृतीया से शुरू होकर वैशाख कृष्ण नवमी 19 मई को समाप्त होगी। इस्कॉन पीआरओ राघव पंडित दास ने बताया वैशाख मास में सर्वाधिक गर्मी पड़ती है। वैष्णव परंपरा में भगवान को इन दिनों ठंडक प्रदान करने के लिए चंदन लगाया जाता है। मंदिर में रोज सुबह 8.30 बजे से रात 8.10 बजे तक 12 घंटे भगवान चंदन शृंगार में दर्शन दे रहे हैं। पंडितजन भगवान की पूर्ण प्रतिमा पर मलय चंदन का लेप कर रहे हैं। 21 दिन की यात्रा के लिए 2 लाख 40 हजार रुपए का 40 किलो चंदन मंगाया है।

सुबह 8.30 बजे हो रही आरती

चंदन शृंगार व यात्रा के लिए गर्मी में भगवान की आरती का समय भी बदल दिया है। पूर्व में रोज सुबह 7.15 बजे होने वाली दर्शन आरती अभी 8.30 बजे से की जा रही है। यात्रा के दौरान यहीं क्रम चलेगा। इसके बाद पुन: पूर्व निर्धारित समय पर आरती की जाएगी।

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