ट्रेनिंग में आए शिक्षकों का हंगामा बोले-समय पर न भोजन मिला न पानी

उज्जैन :- एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की ट्रेनिंग के लिए संभागभर से आए दो सौ से अधिक शिक्षकों ने बुधवार सुबह समय पर खाना नहीं मिलने आैर आवासीय स्थल पर अन्य इंतजाम बेहतर नहीं होने की बात को लेकर हंगामा कर दिया। अव्यवस्था से नाराज शिक्षक सुबह ट्रेनिंग का बहिष्कार कर विरोध में उतर आए। करीब एक घंटे तक प्रशिक्षण स्थल शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दशहरा मैदान के बाहर शिक्षकों का हंगामा चलता रहा। हंगामे के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे आैर शिक्षकों को समझाइश दी। इसके बाद शिक्षक वापस प्रशिक्षण के लिए कक्षाओं में लौटे।

शासकीय स्कूलों में कक्षा 9वीं में सत्र 2017-18 से ही एनसीईआरटी की किताबों से विद्यार्थियों को पढ़ाई कराने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के अंतर्गत दशहरा मैदान स्कूल में संभाग के शिक्षकों को अलग-अलग बैच में आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 5 से 9 जून तक गणित व विज्ञान के 250 शिक्षकों का प्रशिक्षण शुरू हुआ है। दशहरा मैदान क्षेत्र में ही विभाग के तीन हॉस्टलों में इन शिक्षकों के रहने व खाने-पीने का इंतजाम किया है।

शिक्षकों का आरोप है आवासीय स्थल पर उन्हें कई अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है। सुबह 7 बजे चाय तक नहीं मिलती। नाश्ता भी पर्याप्त मात्रा में नहीं बनाया जाता। दो दिन से नाश्ता भी नहीं दिया गया। भोजन के लिए भी केवल दो स्टॉल लगाए जाते हैं, जिससे शिक्षकों को लाइन में लगकर भोजन लेना पड़ता है। साथ ही कई बार भोजन भी पर्याप्त मात्रा में नहीं होता। पीने के पानी के लिए मात्र एक-दो ग्लास ही रखे जाते हैं। भोजन के लिए दी जाने वाली थालियां भी गंदी होती हैं। खाना भी समय पर नहीं दिया जाता। इसी से नाराज शिक्षक बुधवार सुबह ट्रेनिंग शुरू होने से पहले ही विरोध में उतर आए। दशहरा मैदान स्कूल के बाहर एकत्रित होकर शिक्षकों ने प्रशिक्षण का बहिष्कार कर दिया आैर हंगामा करने लगे। लगभग एक घंटे तक हंगामा चलता रहा। सूचना मिलने पर संयुक्त संचालक (शिक्षा) अरविंद सिंह एवं आरएमएसए के एडीपीसी गिरीश तिवारी मौके पर पहुंचे। इन्होंने शिक्षकों को समझाइश देकर तत्काल व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए, जिसके बाद शिक्षकों का आक्रोश शांत हुआ आैर वह प्रशिक्षण के लिए कक्षाओं में गए।

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