जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं करने पर अपर कलेक्टर पर 4750 रु. का जुर्माना

उज्जैन/मंदसौर | लोक सेवा गारंटी योजना के तहत निर्धारित समय सीमा में आवेदकों को जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं करना अपर कलेक्टर को भारी पड़ा है। अपर आयुक्त ने उन पर हजारों रुपए जुर्माना किया है। जुर्माने की राशि उनके वेतन से काटने की चेतावनी भी दी है। जिसे आवेदकों को मुहैया करवाया जाएगा।

अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग के 19 आवेदकों ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत जाति प्रमाण-पत्र के लिए मंदसौर के एसडीएम एनएस राजावत (वर्तमान में अपर कलेक्टर आगर-मालवा) को आवेदन किए थे। इनका निराकरण उन्हें एक महीने में करना था परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया। तब राजावत को कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया। जवाब में उन्होंने लिखा कि अंतिम दिन इंटरनेट बंद होने के कारण वे प्रमाण पत्र जारी नहीं कर पाए। इस पर अपर आयुक्त डॉ. अशोक भार्गव ने कड़े शब्दों में लिखा कि “अधिनियम के तहत जाति प्रमाण-पत्र की सेवा प्रदाय करने में अंतिम दिवस का इंतजार करने का कोई प्रावधान नहीं है।” यह मानसिकता अधिनियम की मंशा के विरुद्ध है तथा संबंधित अधिकारी की लापरवाही व उदासीनता दर्शाती है। प्रकरण में प्रथम अपीलीय अधिकारी कलेक्टर मंदसौर ने भी राजावत को ही दोषी बताया। ऐसे में प्रकरण में द्वितीय अपीलीय अधिकारी अपर आयुक्त डॉ. भार्गव ने जुर्माने की कार्रवाई कर दी। जिसमें स्पष्ट किया गया कि जुर्माना 250 रुपए प्रतिदिन के मान से 01 दिन विलंब के लिए 19 आवेदकों का कुल 4750 रुपए होता है। यह राशि संबंधित आवेदकों को दी जाएगी। कार्रवाई के आदेश में स्पष्ट किया है कि राजावत उक्त राशि एक सप्ताह में शासकीय कोष में जमा करवाए, अन्यथा उनके अगले वेतन से राशि काट ली जाएगी।

यह हैं आवेदक इन्हें दी जाएगी जुर्माने की राशि
ममता मकवाना, अनोखीलाल बनी, गोविंदराम, किशोर चंदेल, लीलाबाई, ताराबाई, राम गोपाल, वैष्णवी सोलंकी, सोनू गुराडिया, नरेन्द्र सिंह तोमर, मजरापाल सोड़ा, लोकेन्द्र लक्षकार, दीपक लक्षकार, गणेश कुमार, जरीनाबानो, पूजा करजुम, रजक शेमली,वैभव चावड़ा, उमेश प्रजापति।

Leave a Comment