शैव महोत्सव का खर्चा सरकारी या मंदिर का ? संघ प्रमुख के सामने सवाल

उज्जैन | विवादों से घिरे शैव महोत्सव को लेकर साध्वी ऋंतभरा द्वारा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के सामने पूछा गया सवाल- यह सरकारी आयोजन है या मंदिर समिति का, अब आयोजकों के लिए परेशानी बन सकता है। संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत को भी इस सवाल ने हैरान कर दिया। संघ प्रमुख को तो इसका उत्तर उनके संगठन के लोगों से मिल गया लेकिन अब इसका नतीजा क्या होगा, इसे लेकर महोत्सव से जुड़े लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें नजर आने लगी हैं।

डॉ. भागवत शैव महोत्सव के शुभारंभ में बतौर अतिथि मौजूद थे। जानकार सूत्रों की मानें तो मुद्दा गुरुवार को उस समय उठा जब माधव सेवा न्यास के भारत माता मंदिर के लोकार्पण समारोह में शामिल होने आई साध्वी ऋतंभरा ने न्यास परिसर में संघ प्रमुख के सामने वहां मौजूद स्थानीय लोगों से पूछ लिया- शैव महोत्सव कौन करा रहा है। सरकार या मंदिर की ओर से इसका आयोजन हो रहा है। साध्वी को वहां मौजूद संघ के लोगों ने अनभिज्ञता जाहिर कर दी। बाद में संघ के लोगों ने पता लगाया कि यह आयोजन किसका है। इसका खर्च कहां से हो रहा है। माना जा रहा है कि संघ प्रमुख ने भी यह जानकारी चाही थी। संघ प्रमुख को आमंत्रण देते वक्त संभवत: यह नहीं बताया गया कि आयोजन सरकार का है। उन्होंने इसे मंदिर समिति का ही आयोजन मान कर शामिल होने की मंजूरी दे दी थी। जब इसका पता आयोजकों को लगा तो सीएम तक बात पहुंच गई। इसी दिन शाम को डॉ. भागवत से भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बंद कमरे में चर्चारत थे, तब सीएम बाहर बैठे थे। इस दौरान संघ के पदाधिकारियों ने सीएम से शैव महोत्सव को लेकर अनौपचारिक बातचीत भी की। सीएम को यह भी जता दिया कि आयोजन को लेकर संघ गंभीर है। संघ के लोगों का कहना था कि यदि सरकार पूरा खर्च उठा रही है तो इस आयोजन की कमान चंद लोगों के हाथों में ही क्यों है।

पांच करोड़ का बजट सवालों के घेरे में

शैव महोत्सव के लिए राज्य सरकार ने पांच करोड़ रु. का बजट स्वीकृत किया है। शनिवार को संघ के अनेक पदाधिकारी शैव महोत्सव के पंडालों में घूमते दिखे। आयोजन में आए विद्वानों, साधु संतों, पंडे-पुजारियों और श्रोताओं की संख्या पर उनकी नजर थी। संभवत: यह आंकलन किया जा रहा है कि महोत्सव के आयोजन पर कितना खर्च हो सकता है।

संस्कृति विभाग उठा रहा खर्च

मामले में भास्कर ने जब आयोजन समिति संयोजक अवधेश शर्मा से आयोजन के संबंध में जानकारी चाही तो उन्होंने बताया आयोजन मप्र शासन का संस्कृति विभाग के माध्यम से हो रहा है। राज्य सरकार की ओर से इसका बजट स्वीकृत है।

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