पिता ने उधार लेकर एमसीए कराया, बेटा आज ओमान में बैंक मैनेजर

उज्जैन | बात 2002 की है। अंबर कॉलोनी निवासी मुरलीधर साहू। बेटा नितिन ग्रेजुएट हो चुका है। उसकी इच्छा किसी प्रोफेशनल कोर्स करने की थी, लेकिन पॉवरलूम की 3 हजार पगार में ये संभव नहीं था। पिता ने यहां वहां से 50 हजार कर्ज लिया और बेटे का दाखिला इंदौर के कॉलेज में कराया। होनहार नितिन डिग्री लेकर बैंक जॉब में सिलेक्ट हुआ। फिलहाल वह ओमान के बैंक ऑफ मस्कट में लाखों रुपए के पैकेज पर मैनेजर है। बेहद सामान्य परिवार के इस पिता-पुत्र की कैमेस्ट्री का अंदाजा इस बात से लग सकता है कि स्नातक पढ़ाई के दौरान नितिन ने भी परिवार पालन के लिए कूलर फैक्टरी में काम किया। बच्चों को कोचिंग भी पढ़ाई। इलेक्ट्रिानिक बैंकिंग में विशिष्टता रखने वाले नितिन साहू ओमान से पहले दुबइ के नेशनल बैंक में भी सेवा दे चुके हैं।

प्रेरणा – वक्त के उस दौर में पिता के समर्पण ने बेटे को इस शिखर तक पहुंचा दिया। बेटे ने भी पिता को गरीबी के दौर में संबल दिया। इसी स्नेह व प्रेम से आज परिवार में वह सब कुछ है जो हर किसी चाह होती है।

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