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पांच बार समझाइश, छठीं बार में पुलिस ने दुकान से निकालकर व्यापारी और कर्मचारियों को पीटा
उज्जैन। आचार संहिता के चलते रात 11 बजे तक शहर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा जारी किये गये हैं। इन निर्देशों का पालन कराने के लिये स्वयं पुलिस अधिकारी रात में बाजार में घूमकर दुकानें बंद कराने पहुंच रहे हैं। पिछले दिनों पुलिस ने सराफा से लेकर महाकाल तक होटल आदि दुकानें समय पर बंद करने की हिदायत दुकानदारों को दी और रविवार को तय समय के बाद होटलें खुली मिलने पर व्यापारी सहित कर्मचारियों को दुकान के बाहर निकालकर पुलिस ने पीट दिया।
महाकालेश्वर मंदिर से लेकर गोपाल मंदिर क्षेत्र तक बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं का देर रात तक आवागमन रहता है क्योंकि इन क्षेत्रों में होटल और रेस्टोरेंट स्थित हैं जहां श्रद्धालु ठहरते व भोजन करते हैं। इसी कारण सराफा क्षेत्र तक रात 11 बजे बाद भी कुछ होटलें खुली रहती हैं ताकि बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भोजन, चाय, नाश्ता आदि सुगमता से मिल पाये। महाकाल पुलिस द्वारा सिर्फ महाकाल मंदिर परिसर के आसपास स्थित होटल और रेस्टोरेंट संचालकों को 11 बजे बाद करीब 20 से 30 मिनिट बाद तक दुकानें बंद करने की स्वीकृति दी थी जिसका फायदा दूसरे दुकानदार उठाने लगे।
गुदरी से लेकर सराफा क्षेत्र तक की होटल व रेस्टोरेंट रात 11 बजे बाद भी खुलने पर पुलिस अधिकारियों ने व्यवसायियों को करीब 5 बार अलग-अलग प्रकार से समझाईश दी साथ ही आचार संहिता में नियमों का पालन करने का आग्रह भी किया लेकिन रविवार रात सीएसपी महाकाल समीर सौरभ स्वयं निरीक्षण के लिये रात 11 बजे बाद निकले तो पाया कि सराफा में दो होटलें खुली थीं जिन्हें बंद कराया गया, इसके बाद पटनी बाजार में रात के समय लगने वाले बाम्बे भेल के ठेला संचालक को ठेला बंद करने को पुलिस द्वारा कहा गया तो वह बहस करने लगा। इस पर पुलिसकर्मियों ने उसकी जमकर धुनाई कर दी।
पुलिस की टीम रात करीब 11.30 बजे गुदरी स्थित सतयुग रेस्टोरेंट पहुंची। हालांकि दुकान धीरे-धीरे बंद हो रही थी यहां मौजूद कर्मचारी भीमराव निवासी जयसिंहपुरा को पुलिसकर्मियों ने फटकारते हुए उसकी भी जमकर धुनाई कर दी और आगे से ठीक रात 11 बजे दुकान बंद करने के निर्देश दिये। इसी रेस्टोरेंट के सामने मंगलम रेस्टोरेंट पर सीएसपी और महाकाल थाने की टीम पहुंची। यहां रात पौने बारह बजे तक दुकान चालू थी इस पर संचालक चेतन कसेरा को काउंटर से बाहर निकालकर पुलिस ने मारपीट की। इसके बाद गुदरी चौराहा स्थित फाफड़ा दुकान संचालक को भी पुलिस ने देर रात तक दुकान खुली रखने पर पीटा।
व्यापारियों ने किया विरोध
आचार संहिता के चलते रात 11 बजे दुकानें बंद करने के निर्देश हैं, त्यौहार का सीजन होने के कारण ग्राहकी देर रात तक होती है, होटल में पहले से बैठे ग्राहकों को भगा नहीं सकते। समय पर दुकानें बंद करने के निर्देशों का पालन करते हैं, सामान बाहर तक फैला रहता है जिसे समेटने में समय भी लगता है। 11 बजे बाद ग्राहकों को इंट्री भी नहीं देते, लाईटें तक कम कर देते हैं। बंद करने में कुछ समय लगता है। यदि किसी व्यापारी द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो उस पर वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन पुलिस द्वारा मारपीट किया जाना उचित नहीं।
दुकान बंद करने में देरी हुई थी
दुकान में ग्राहकी अधिक होने के कारण बंद करने में देरी हो गई थी, पुलिस टीम आई और उन्होंने काउंटर से बाहर बुलाकर मारपीट शुरू कर दी।
चेतन कसेरा, मंगलम रेस्टोरेंट
बंद कर ही रहे थे कि पुलिस आ गई
कर्मचारी सामान समेट रहे थे उसी दौरान पुलिस की टीम आ गई और सामान उठा रहे कर्मचारी भीमराव निवासी जयसिंहपुरा को पीट दिया जिस कारण वह दो दिनों से काम पर ही नहीं आया है।
राजू भाई, सतयुग रेस्टोरेंट
नियमों का पालन करा रहे हैं
रात 11 बजे बाजार बंद कराने के निर्देश हैं, आचार संहिता लगी है ऐसे में कुछ दुकानदार और रेस्टोरेंट संचालक मनमानी करते हुए देर रात तक दुकानें खोलकर व्यवसाय कर रहे थे, नियमों का पालन कराने के लिये माइक से एनाउंस कराया, पुलिस टीमें भी गईं, समझाईश दी। पुलिस सिर्फ नियमों का पालन कराने के साथ व्यापारियों से सहयोग की अपेक्षा करती है।
समीर सौरभ, सीएसपी महाकाल