मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में डेयरी उत्पाद में अग्रणी बनने की दिशा में बड़ा कदम: विक्रम विश्वविद्यालय में डेयरी विकास पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आज से, पांच राज्यों के किसान होंगे शामिल!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इसी क्रम में उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय में 4 जुलाई से दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस संगोष्ठी का शुभारंभ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन विक्रम विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में प्रातः 10 बजे होगा। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन इंडियन डेयरी एसोसिएशन (आईडीए) पश्चिम क्षेत्र एवं विक्रम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इस तरह का आयोजन पश्चिम क्षेत्र में 44 वर्षों बाद हो रहा है, जो अपने आप में ऐतिहासिक है।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. अर्पण भारद्वाज के नेतृत्व तथा आईडीए (पश्चिम क्षेत्र) के चेयरमैन डॉ. जे.बी. प्रजापति के संयोजन में हो रही इस संगोष्ठी में देशभर के डेयरी उत्पादक, कंपनियां, प्रबंधन से जुड़े लोग एवं तकनीकी विशेषज्ञ बड़ी संख्या में शिरकत करेंगे। साथ ही गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और गोवा जैसे पांच प्रमुख राज्यों से बड़ी संख्या में किसान भी इस आयोजन में हिस्सा लेंगे। संगोष्ठी के माध्यम से डेयरी क्षेत्र में संभावनाओं एवं चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी, जिससे न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश में डेयरी उद्योग को नई दिशा मिल सके।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि संगोष्ठी की शुरुआत 4 जुलाई को सुबह 9 बजे पंजीयन से होगी, जिसके बाद 10 बजे से 11:30 बजे तक उद्घाटन सत्र चलेगा। तत्पश्चात 12 बजे से 13:30 बजे तक पहले तकनीकी सत्र में पशुपालन, स्मार्ट डेयरी फार्मिंग और सरकारी नीतियों पर चर्चा होगी। इसके बाद दोपहर 2:30 बजे से 4 बजे तक डेयरी उद्योग में अनुभव और चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया जाएगा, वहीं पहले दिन का अंतिम सत्र शाम 4:30 बजे से 6 बजे तक रहेगा, जिसमें डेयरी प्रबंधन, प्रसंस्करण, विपणन और नवाचार जैसे विषयों पर मंथन होगा।

कुलगुरू प्रो. अर्पण भारद्वाज ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की संकल्पना के अनुरूप विक्रम विश्वविद्यालय ने डेयरी टेक्नोलॉजी का नया पाठ्यक्रम भी प्रारंभ किया है। इसका उद्देश्य प्रदेश में डेयरी उत्पादकों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित कर डेयरी उद्योग के लिए आवश्यक मानव संसाधन उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि हाल ही में राज्य सरकार ने एनडीडीबी के साथ मिलकर सांची के संचालन का नया करार किया है, जो प्रदेश के डेयरी क्षेत्र को नई ऊंचाईयों पर ले जाएगा।

इंडियन डेयरी एसोसिएशन (आईडीए), जो वर्ष 1948 में स्थापित हुआ, भारत में डेयरी उद्योग का सर्वोच्च संस्थान है। यह संस्था सहकारी समितियों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों, निजी एवं सरकारी उपक्रमों, शैक्षणिक संस्थानों और डेयरी से जुड़े वैज्ञानिकों के साथ मिलकर कार्य करती है। आईडीए का नैतिक दायित्व है कि वह लाखों दूध उत्पादक किसानों के हितों की रक्षा करे और साथ ही उपभोक्ताओं तक स्वच्छ एवं पौष्टिक दुग्ध उत्पाद पहुँचाए। इसी उद्देश्य से आईडीए (पश्चिम क्षेत्र) इस तरह के आयोजन कर रहा है ताकि वह हर किसान और उपभोक्ता तक पहुंच सके।

इस संगोष्ठी में विशेष रूप से दूध उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने, चारा संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करने, स्मार्ट डेयरी प्रथाओं को अपनाने, अत्याधुनिक उत्पादन तकनीकों के साथ-साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डिजिटलीकरण, विपणन रणनीतियों, सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों एवं कार्बन उत्सर्जन कम करने के टिकाऊ उपायों पर भी चर्चा की जाएगी। इस तरह यह संगोष्ठी मध्यप्रदेश में डेयरी उद्योग के लिए तकनीकी, प्रबंधन और नीति स्तर पर मील का पत्थर साबित होगी।

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