इस दिन रखा जाएगा हरितालिका व्रत! जानें महत्व और नियम

उज्जैन लाइव, उज्जैन , श्रुति घुरैया:

हरितालिका व्रत, एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है, जिसे विशेषकर महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन, महिलाएं उपवास रखती हैं और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करती हैं, साथ ही अपने पति की लंबी उम्र और सुखद दांपत्य जीवन की कामना करती हैं।

हरितालिका व्रत का भाद्रपद मास की तृतीया तिथि को किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का आरंभ 6 अगस्त 2024 को शाम 7 बजकर 52 मिनट से होगा। तृतीया तिथि समाप्त 7 अगस्त 2024 को रात 10 बजकर 5 मिनट पर होगी। इस साल हरियाली की 7 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी। वहीं, उज्जैन शहर के मध्य स्थित 84 महादेव में एक श्री सौभाग्येश्वर मंदिर में पूजन के लिए महिलाओं की भीड़ आधी रात से जुटने लगेगी।

हरियाली तीज का महत्व
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, हरियाली तीज का व्रत अखंड सौभाग्य और वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए रखा जाता है। हरियाली तीज का व्रत सुहागिनों के लिए विशेष माना जाता है। भारत के कई राज्यों में हरियाली तीज का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि कठोर तपस्या और इस व्रत को रखने के बाद ही मां पार्वती का विवाह भगवान शंकर से हुआ था। हरियाली तीज पर महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।

हरियाली तीज व्रत के नियम
हरियाली तीज का व्रत निर्जला रखने का विधान है। यदि आप निर्जला व्रत करने में सक्षम नहीं हैं, तो फलाहार व्रत करने का भी संकल्प ले सकते हैं। साथ ही इस दिन पर रंग का विशेष महत्व माना गया है। इसलिए अपने श्रृंगार में हरे रंग को शामिल करें, जैसे- हरे रंग की चूड़ी, बिंदी, हरी साड़ी आदि। इस विशेष दिन पर हाथों में मेहंदी भी जरूर लगाएं। इससे साधक को मां पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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