मुख्यमंत्री की पहल पर इस वर्ष श्री महाकाल मंदिर के शिखर पर फहरेगा सूर्य चिह्न अंकित ब्रह्म ध्वज, गुड़ी पड़वा पर श्री महाकाल मंदिर में होंगे विशेष अभिषेक, ब्रह्म ध्वज आरोहण और भव्य अनुष्ठान का होगा आयोजन

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जयिनी की धरा पर स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में हर वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा के पावन पर्व पर मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वज चढ़ाने की परंपरा है। इस बार इस परंपरा को विशेष रूप से ब्रह्म ध्वज के रूप में मनाया जाएगा, जिसे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से समर्पित किया गया है। यह ध्वज सूर्य चिह्न अंकित केसरिया ब्रह्म ध्वज होगा, जो संपूर्ण प्रदेश के लिए गौरव और आस्था का प्रतीक बनेगा।

श्री महाकालेश्वर मंदिर के साथ ही प्रदेश के अन्य प्रमुख शासकीय, अशासकीय एवं धार्मिक स्थलों पर भी ब्रह्म ध्वज फहराने की पहल की गई है। सम्राट विक्रमादित्य शोधपीठ द्वारा विभिन्न संस्थानों को यह ध्वज उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि यह पर्व पूरे प्रदेश में एक सांस्कृतिक एवं धार्मिक एकता का संदेश दे सके।

सम्राट विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक राम तिवारी ने बताया कि विक्रम संवत केवल एक पंचांग नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, ज्ञान, विज्ञान और अनुसंधान का महापर्व है। इसी प्रेरणा से प्रदेशभर में ब्रह्म ध्वज फहराने का निर्णय लिया गया है। इस ध्वज की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। श्री महाकालेश्वर मंदिर पर वर्षों पहले स्थापित एक पवित्र ध्वज को पं. सूर्यनारायण व्यास परिवार ने पिछले 65 वर्षों से सुरक्षित रखा था। इसी प्रेरणा से इस विशेष ब्रह्म ध्वज का निर्माण किया गया और इसे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से श्री महाकाल मंदिर के शिखर पर स्थापित करने की पहल की गई।

इसी के साथ गुड़ी पड़वा के हिंदू नववर्ष के शुभ अवसर पर श्री महाकालेश्वर मंदिर में महानुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। मंदिर में प्रचलित महाराष्ट्रीयन पंचांग अनुसार सभी त्योहारों को पारंपरिक विधि-विधान से मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से:

🔸 भगवान महाकाल का नीम मिश्रित जल से पवित्र अभिषेक किया जाएगा, जो स्वास्थ्य एवं सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
🔸 मंदिर के शिखर पर नवीन ब्रह्म ध्वज विधिवत पूजा-अर्चना के बाद फहराया जाएगा।
🔸 भोग आरती में श्रीखंड एवं पूरणपोली का भोग अर्पित कर भगवान को समर्पित किया जाएगा।
🔸 मंदिर के नैवेद्य कक्ष में गुड़ी आरोहण की जाएगी, जो नववर्ष के स्वागत का शुभ संकेत मानी जाती है।
🔸 ग्वालियर पंचांग के अनुसार पंचांग पूजन भी संपन्न होगा, जिससे नववर्ष का प्रथम दिन शास्त्रों के अनुरूप मंगलमय बनाया जा सके।

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