उज्जैन में तीन दिनों से हो रही अतिवृष्टि से ग्रामीण क्षेत्रों में अब बाढ़ की स्थिति बन गई है और इसका नतीजा बड़नगर क्षेत्र के ग्राम सेमलिया में देखने को मिला। यहां ना तो नाव पहुंच सकती है और ना ही कोई अन्य साधन। यहां फंसे एक परिवार को बचाने के लिए कलेक्टर ने रेस्क्यू अभियान चलाया और एयर फोर्स का हेलीकॉप्टर मंगाया तथा परिवार के लोगों की जान बचाई।
बड़नगर क्षेत्र का सेमलिया गांव जल भराव के कारण टापू बन गया है और यहां 5 किलोमीटर तक पहुंचने का कोई साधन नहीं है, क्योंकि आसपास नदी है। इस बात की कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को सूचना मिली और पता चला कि गांव में एक गर्भवती महिला सहित एक अन्य ग्रामीण फंसा हुआ है। गर्भवती स्त्री की स्थिति को देखते हुए कलेक्टर ने एयरफोर्स से तत्काल हेलीकॉप्टर मंगवाया। कुछ घंटे में हेलीकॉप्टर पहुंचा और यहां से गर्भवती स्त्री तथा एक अन्य ग्रामीण को रेस्क्यू किया। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने इन लोगों को बचाने के लिए नागपुर से वायु सेवा का MI17V5 हेलीकॉप्टर मंगवाया था जिसके माध्यम से बारिश में फैंसी गर्भवती महिला और दो अन्य लोगों को रेस्क्यू कर बचाया गया।
अभी तक उज्जैन में ऐसी स्थिति कभी नहीं बनी थी कि रेस्क्यू के लिए हेलीकॉप्टर मंगवाना पड़े। एसडीआरएफ एवं होमगार्ड के जवानों से काम चल जाता था, लेकिन इस बार ग्राम सेमलिया टापू बन गया इसी के चलते हेलीकॉप्टर मंगवाना पड़ा। ऐसे हालात पहली बार बने हैं और जहां भी इस तरह की लोगों के फंसे होने की सूचना मिल रही है वहां प्रशासन पूरी कोशिश कर लोगों को बचाने का प्रयास कर रहा है।
बताया जाता है कि लगातार हो रही बारिश के कारण बड़नगर के समीप स्थित चंबल और चामला नदी के किनारे के गांव डूब क्षेत्र में आ गए हैं। जहां शनिवार रात से ही एसडीआरएफ की टीम ग्रामीणों को बचाने में लगी हुई थी। रविवार को चंबल और चामला नदी के किनारे ग्राम लखेसरा, दौलतपुर, मतवाडिया, दंगवाड़ा, कजलाना, सेमलिया, चामलेश्वर और भी कई ऐसे गांव हैं, जोकि बाढ़ के पानी से डूबे हुए हैं। यहां बचाव की टीम ने बाढ़ में फंसे अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया।
उज्जैन का गंभीर डैम जहां लबालब भर चुका है। वहीं, मां शिप्रा भी खतरे के निशान से ऊपर की ओर बह रही है। प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद होकर बचाव कार्यों में लगा हुआ है, जिससे कि शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र कहीं भी लोगों को बारिश के कारण परेशानी का सामना न करना पड़े।