- नंदी हाल से गर्भगृह तक गूंजे मंत्र—महाकाल के अभिषेक, भस्मारती और श्रृंगार के पावन क्षणों को देखने उमड़े श्रद्धालु
- महाकाल की भस्म आरती में दिखी जुबिन नौटियाल की गहन भक्ति: तड़के 4 बजे किए दर्शन, इंडिया टूर से पहले लिया आशीर्वाद
- उज्जैन SP का तड़के औचक एक्शन: नीलगंगा थाने में हड़कंप, ड्यूटी से गायब मिले 14 पुलिसकर्मी—एक दिन का वेतन काटने के आदेश
- सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संदेश, उज्जैन में निकला भव्य एकता मार्च
- सोयाबीन बेचकर पैसा जमा कराने आए थे… बैंक के अंदर ही हो गई लाखों की चोरी; दो महिलाओं ने शॉल की आड़ में की चोरी… मिनट भर में 1 लाख गायब!
उज्जैन: गुदरी गणराज पंडाल में लगे आतंकियों के पोस्टर, भक्तों को पैरों तले रौंदकर करना पड़ा प्रवेश; पोस्टर पर लिखा- “तुमने धर्म पूछकर मारा था, हम पैरों में रौंदने से पहले कौम नहीं पूछेंगे”
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन में गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है और जगह-जगह थीम आधारित पंडाल सजाए गए हैं। इसी बीच शहर के गुदरी चौराहे पर बने गुदरी गणराज पंडाल में एक अनोखी थीम लोगों का ध्यान खींच रही है। यहाँ प्रवेश द्वार पर आतंकी हाफिज सईद और पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों के पोस्टर लगाए गए हैं।
यह पंडाल चौबीस खंभा मंदिर के पास स्थित है। आयोजकों ने ऐसे पोस्टर प्रवेश द्वार के ठीक नीचे लगाए हैं, जिससे श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन करने जाते समय इन आतंकियों के चेहरों पर पैर रखकर ही अंदर प्रवेश करें।
एक बड़े पोस्टर पर लिखा है – “तुमने धर्म पूछकर मारा था, हम पैरों में रौंदने से पहले कौम नहीं पूछेंगे।” इसके अलावा, पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए तीर्थयात्रियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने वाला पोस्टर भी पंडाल में लगाया गया है।
आयोजकों का कहना – आतंकवाद को याद रखे समाज
इस आयोजन को लेकर सर्व हिंदू समाज शिप्रा नवयुवक मंडल के पदाधिकारी रितेश माहेश्वरी ने बताया कि उनका उद्देश्य लोगों को याद दिलाना है कि ऐसे आतंकी हमलों को भुलाया नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा – “हम चाहते थे कि त्योहारों में भी समाज को यह संदेश मिले कि आतंकियों को उनकी औकात दिखाई जाए। इसलिए उनके चेहरे इस तरह लगाए गए हैं कि भक्त अनजाने में ही सही, उनके ऊपर पैर रखकर प्रवेश करें।”
पंडाल में लगी यह सजावट कई लोगों को प्रभावित कर रही है, लेकिन कुछ वर्गों में इसे लेकर चर्चा और असहमति भी देखने को मिल रही है। धार्मिक आयोजन के बीच इस तरह के पोस्टरों को सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से विवाद का कारण माना जा सकता है। हालांकि अब तक प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।