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Unlock की ओर शहर..सड़कों पर भीड़ बढ़ी
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उज्जैन।कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी हुई है, प्रतिदिन पाजिटिव मरीजों की संख्या में भी कमी आई है, कोविड अस्पतालों में अब बेड की वेटिंग भी नहीं है। यही वजह है कि लोगों में कोरोना संंक्रमण को लेकर एक माह पहले तक बना हुआ खौफ अब कम होने लगा है। कोरोना कफ्र्यू और संक्रमण के भय की वजह से एक माह से घरों में रहे लोग अब बड़ी संख्या में सड़कों पर निकल रहे हैं।
सुबह शाम की वॉकिंग भी शुरू हो गई है। डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमण की रफ्तार धीमी अवश्य हुई है लेकिन खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। सावधानी जरूरी है। 1 जून से कोरोना कफ्र्यू में छूट मिलने की संभावना है और पुलिस प्रशासन के अधिकारी आज भी सड़कों पर नियमों का पालन कराने के लिये डंटे हैं। 1 जून से शहरवासियों को कोरोना कफ्र्यू में शर्तों के साथ छूट मिलने की संभावना है जिसका फैसला क्राइसिस कमेटी की बैठक में होगा।
फिलहाल शहर में कोरोना कफ्र्यू लागू है और पुलिस, प्रशासन के अफसर अब भी सड़कों पर बेवजह घूमने, प्रतिबंध के बावजूद दुकानें खोलने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन सड़कों पर लोगों की आवाजाही पिछले दिनों के मुकाबले बढ़ गई है। पुलिस द्वारा रोकटोक करने पर लोग जरूरी काम, डॉक्टर के पर्चे, दवा की लिस्ट, बैंक की पासबुक, ट्रेन के टिकिट दिखाकर आवागमन कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन द्वारा पहले की तरह अब सख्ती भी नहीं की जा रही। उदयन मार्ग, मंगलनाथ खाकचौक रोड़, मुल्लापुरा रोड़ पर सुबह शाम पैदल भ्रमण करने वाले लोग भी नजर आने लगे हैं। सुबह पुलिस ने तरणताल चौराहा, कोयला फाटक, बुधवारिया, मोहन नगर तिराहा आदि स्थानों पर अभियान चलाकर वाहन जब्ती, गिरफ्तारी और स्पॉट फाइन भी किया।
इनका कहना
शहर में अभी कोरोना कफ्र्यू लागू है। प्रशासन और पुलिस द्वारा इसका पालन कराया जा रहा है। बेवजह सड़कों पर घूमने वाले लोगों के विरूद्ध कार्रवाई भी जारी है। जब तक अनलॉक की प्रक्रिया शुरू नहीं होती लोगों को घरों में ही रहने की हिदायत दी जा रही है।
अमरेन्द्र सिंह, एएसपी सिटी
1 जून से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, लेकिन लोगों को कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की चेतावनी को भी ध्यान में रखना जरूरी है। पिछले दो दिनों से लोग जरूरी काम बताकर स्वयं घरों से निकल रहे हैं और उनके साथ बच्चे भी वाहनों पर सवार हैं। कोरोना विशेषज्ञों द्वारा देश में कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संख्या में प्रभावित होने की संभावना जताई गई है। प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी से तीसरी लहर को लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं।
चरक अस्पताल में कोरोना से संक्रमित होने वाले बच्चों के लिये 100 बेड का वार्ड भी तैयार किया जा रहा है। ऐसे में लोगों को बहुत जरूरी काम न होने पर बच्चों को घरों से बाहर लेकर जाने में सावधानी बरतना आवश्यक है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में चेतावनी के बावजूद युवाओं द्वारा बरती गई लापरवाही का नतीजा रहा कि संक्रमण की रफ्तार बढ़ते ही बड़ी संख्या में युवा बीमारी की चपेट में आये और हालात बेकाबू हुए। संक्रमण की तीसरी लहर आयेगी या नहीं लेकिन सावधानी रखना बहुत जरूरी है।