उज्जैन आएंगे उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह का करेंगे शुभारंभ; तैयारियां हुईं शुरू, 10 अक्टूबर को मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी की थी कालिदास समारोह की समीक्षा

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन में हर साल होने वाला अखिल भारतीय कालिदास समारोह एक सात दिवसीय उत्सव है। इस साल 66वां समारोह 12 से 18 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा, और इसकी शुरुआत 10 नवंबर को गढ़कालिका मंदिर में वागअर्चन से होगी।

66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह की शुरुआत 12 नवंबर को उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे। इस मौके पर वे महाकाल मंदिर में भी दर्शन करने जाएंगे। जानकारी के अनुसार, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ उज्जैन में लगभग दो घंटे बिताएंगे। वे मंगलवार, 12 नवंबर को दो बजे उज्जैन पहुंचेंगे और करीब चार बजे वापस लौटेंगे। हालांकि, प्रशासन ने अभी तक उनके दौरे का पूरा कार्यक्रम नहीं बताया है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि वे सबसे पहले महाकाल मंदिर में दर्शन करेंगे और फिर तीन बजे उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे।

उप राष्ट्रपति के आगमन की तैयारी को ध्यान में रखते हुए उज्जैन के कलेक्टर नीरज सिंह ने बुधवार को मंदिर की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश जारी किए। इसी क्रम में महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने भी कर्मचारियों के साथ बैठक कर उप राष्ट्रपति के स्वागत की सभी तैयारियों को समय पर पूरा करने के लिए निर्देशित किया।

बता दें, उप राष्ट्रपति नंदी द्वार से प्रवेश करते हुए महाकाल लोक का अवलोकन करेंगे और तत्पश्चात मंदिर में जाएंगे। ऐसे में उनके आगमन की तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। इस अवसर पर प्रवेश द्वार से लेकर सम्पूर्ण मंदिर में भव्य सजावट की जाएगी। भगवान महाकाल के गर्भगृह और नंदी हाल में भी फूलों से सजावट की जाएगी। वहीं, उनके स्वागत हेतु मंदिर में रेड कार्पेट भी बिछाया जाएगा। इसके अलावा, उप राष्ट्रपति के लिए मंदिर में नवीन शिखर दर्शन की छत के नीचे एक ग्रीन रूम का निर्माण किया जा रहा है।

10 अक्टूबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की थी कालिदास समारोह की समीक्षा –

10 अक्टूबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बैठक में अखिल भारतीय कालिदास समारोह की समीक्षा की। साथ ही समारोह की ब्रांडिंग और प्रचार पर विशेष ज़ोर दिया था। इस बैठक में उन्होंने कालिदास सम्मान समारोह में दिए जाने वाले पुरस्कारों की जानकारी प्राप्त की और पुरस्कार राशि में वृद्धि के लिए निर्देश दिए। इस दौरान, सीएम ने समारोह में अतिथियों के आमंत्रण, कार्यक्रम की रूपरेखा, पुरस्कार वितरण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित अन्य व्यवस्थाओं पर विस्तृत चर्चा की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि कालिदास संस्कृत अकादमी का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। इस समारोह की शुरुआत गढ़कालिका मंदिर से होती है। ऐसे में कालिदास और गढ़कालिका मंदिर के संबंध और इसके महत्व को दर्शाने के लिए शिलालेख स्थापित करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, कालिदास से संबंधित अन्य स्थलों पर भी जन-सामान्य के लिए सूचना बोर्ड लगाने का सुझाव दिया गया। साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा की समारोह के लिए अस्थाई संरचना के स्थान पर स्थाई संरचना का निर्माण किया जाना आवश्यक है। इससे हर बार अस्थाई संरचना पर होने वाले खर्चों में कमी आएगी। उन्होंने सुझाव दिया कि वर्षभर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों और रचनात्मक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए अधोसंरचना के निर्माण की योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा की, कालिदास समारोह की ब्रांडिंग और प्रचार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कालिदास ने मेघदूत में उज्जैन और महाकालेश्वर का उल्लेख किया है, इसलिए महाकाल से संबंधित प्रचार को बढ़ावा दिया जाए, जिससे आयोजन की प्रतिष्ठा में वृद्धि हो सके।

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