श्रावण की तीसरी सवारी में महाकाल ने तीन रूप में दिए दर्शन

उज्जैन। श्रावण मास में सोमवार को भगवान महाकाल की तीसरी सवारी निकली। भगवान महाकाल ने भक्‍तों को तीन रूप में दर्शन दिए। इस दौरान शहर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। राजाधिराज रजत पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश और गरुढ़ पर शिव तांडव रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकले तो भक्‍तों का उत्‍साह चरम पर था। सवारी मार्ग पर चहुंओर भक्ति का उल्लास छाया था। पालकी के सम्मुख आते ही भक्त जय महाकाल के जयकारे लगा रहे थे। सभा मंडप में पूजन के बाद शाम 4 बजे महाकाल की पालकी नगर भ्रमण के लिए रवाना हुई। निर्धारित मार्गों से होकर सवारी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची।

 

यहां पुजारी शिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक कर पूजा अर्चना की। पूजन के बाद सवारी मंदिर की ओर रवाना हो गई। पालकी के पुन: मंदिर पहुंचने पर संध्या आरती की जाएगी। सवारी मार्ग पर दोनों ओर बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु जमा थे तो शिप्रा के तट पर भी श्रद्धालुओं का खासा जमावड़ा था।

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