अरबों की सरकारी जमीन का प्रशासन ने लिया कब्जा

किसी ने गार्डन तो किसी ने खेती करने के साथ बना लिये थे जमीन पर मकान

उज्जैन।हरिफाटक ब्रिज के पास स्थित मन्नत गार्डन हो या सांवराखेड़ी ब्रिज के पास लगी सरकारी जमीन सभी दूर लोगों ने अवैध कब्जा कर उस पर मैरिज गार्डन बना लिये तो किसी ने मकान। सुबह एडीएम और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस की टीम ने अरबों रुपये कीमत की जमीन से अवैध कब्जे हटाने के साथ उन पर बने मकान, पशुओं के बाड़े आदि जमींदोज कर दिये।

एडीएम नरेन्द्र सूर्यवंशी ने बताया कि हरिफाटक ब्रिज के पास स्थित मन्नत गार्डन की जमीन ताकायमी की थी जिसे इब्राहिम अली को कारखाना संचालित करने के लिये शासन द्वारा दिया गया था। इब्राहिम अली ने कुल दो हेक्टेयर जमीन को निलोफर पति रसीद खां को बेच दिया और कुछ हिस्सा परिवार के लोगों में भी बांट दिया। वर्तमान में इस दो हेक्टेयर जमीन पर मैरीज गार्डन का निर्माण किया जा चुका है और इसका व्यवसायिक उपयोग हो रहा था, जबकि यहां संचालित होने वाला कारखाना वर्षों पहले ही बंद हो चुका है। इब्राहिम अली ने ताकायमी की भूमि के कागजों में हेरफेर कर जमीन को बेचा गया। वर्तमान में इस जमीन की वैल्यू 27 करोड़ रुपये से अधिक है। शासन द्वारा मन्नत मैरीज गार्डन की जमीन का कब्जा पूर्व में ही ले लिया गया था, लेकिन इस पर किये गये निर्माण को आज जमींदोज कर दिया गया।

इसी गार्डन की लाइन में करीब 150 मीटर आगे सांवराखेड़ी ब्रिज के पास स्थित कृषि भूमि का भी प्रशासन द्वारा कब्जा लिया गया। यहां 69 बीघा सरकारी जमीन पर कमल किशोर तिवारी का कब्जा था और उन्होंने इसके पट्टे शैलेन्द्र यादव, रोशन यादव व गोपाल यादव को दिये थे। इनके द्वारा इस जमीन पर खेती के अलावा पशु पालन भी किया जा रहा था। सुबह एडीएम सूर्यवंशी और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम पुलिस फोर्स व नगर निगम की तोडफ़ोड़ गैंग के साथ कब्जा छुड़ाने पहुंचे तो विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। कमल किशोर तिवारी की ओर से वकील ने अधिकारियों को मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण कार्यवाही रोकने की बात कही, लेकिन एसडीएम त्रिपाठी ने जवाब दिया कि फिलहाल सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा ध्वस्त करने की कार्यवाही चल रही है। जमीन के मालिकाना हक का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। प्रशासन द्वारा जमीन पर काबिज शैलेन्द्र यादव आदी को नोटिस दिया गया है। हरिफाटक बायपास इंदौर रोड़ की 69 बीघा मेन रोड़ की जमीन की कीमत वर्तमान में करोड़ों रुपये आंकी गई है।

 

80 बीघा सरकारी जमीन पर हो रही खेती

एडीएम सूर्यवंशी ने बताया कि हरिफाटक क्षेत्र की सरकारी जमीनों से अवैध कब्जा हटाने के बाद कवेलू कारखाना स्थित 80 बीघा जमीन से अवैध कब्जा हटाने की कार्यवाही की जायेगी। एडीएम के अनुसार कवेलू कारखाना की कृषि भूमि पर मोहनलाल द्वारा अवैध तरीके से कब्जा किया गया है। इस जमीन की वर्तमान में कीमत 40 करोड़ रुपये से अधिक है।

 

3 विभागों ने की कार्रवाई

सरकारी जमीन से अवैध कब्जे हटाने के लिये एक ओर एडीएम के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की टीम मौजूद रही तो दूसरी ओर महाकाल थाना सीएसपी, थाना प्रभारियों के अलावा पुलिस लाइन का अतिरिक्त फोर्स और नगर निगम की तोडफ़ोड़ गैंग ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे हटाने की कार्यवाही की।

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