एक हजार से अधिक लोगों को साइकिलिंग से जोड़ा अब उज्जैन को साइकिल सिटी बनाने का संकल्प

कोरोना काल में व्यायाम और इम्युनिटी को बेहतर बनाने के लिए एक बार फिर लोगों की रुचि बढ़ी है। शहर में युवाओं का एक दल ऐसा भी है, जिसने लॉकडाउन सहित पूरे कोरोना काल में अब तक साइकिलिंग के फायदे बताते हुए शहर के एक हजार से अधिक लोगों को साइकिलिंग से जोड़ा है। युवाओं का यह दल अब उज्जैन को साइकिल सिटी बनाने के संकल्प लेकर कार्य कर रहा है। शहर के उत्कर्ष सिंह सेंगर आैर विवेक मेश्राम के साथ युवाओं का एक दल पिछले तीन-चार वर्षों से लोगों को साइकिल चलाने के लिए प्रेरित करता आ रहा है। उज्जैन साइकिल पोलो एसोसिएशन के साथ इन युवाओं ने लगातार 100 सप्ताह तक साइकिल यात्रा निकाल कर जिलेभर के 7 हजार लोगों को साइकिलिंग से जोड़ा था। अब इन युवाओं ने सोसायटी ऑफ ग्लोबल साइकिल के नाम से मिशन साइकिल सिटी उज्जैन की शुरुआत की है। उत्कर्ष सिंह सेंगर ने बताया लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर लोगों को साइकिलिंग के फायदे बताते हुए उन्हें जोड़ा। अनलॉक-1 की शुरुआत होते ही शारीरिक व्यायाम आैर साइकिलिंग के लिए संपर्क शुरू कर दिया। 5 सितंबर तक शहर के 1031 लोग इनसे जुड़कर अब सप्ताह में कम से कम एक दिन साइकिलिंग कर रहे हैं। विवेक मेश्राम ने बताया उज्जैन करीब 10 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है, जिसे आसानी से साइकिल से घुमा जा सकता है। लोगों को खुद ही इसका स्वास्थ्य लाभ मिलता है आैर पेट्रोल की बचत होती है। साथ ही पर्यावरण प्रदूषण भी कम होता है। इसलिए अब 25 सितंबर से पूरे शहर में डोर टू डोर संपर्क शुरू करेंगे। एक वर्ष में यह प्रयास किया जाएगा कि प्रत्येक परिवार से कम से कम एक सदस्य साइकिलिंग से जुड़े। इसके अलावा ऑनलाइन व ऑफ लाइन कैंपेनिंग, साइक्लोदय पर विचार-विमर्श एवं गोष्ठियां, वरिष्ठ अधिकारियों को साइकिल से कार्यालय आने के लिए प्रेरित करना सहित अन्य गतिविधियां भी की जाएंगी।

 

रोज एक घंटे 10 मिनट अभ्यास, साइकिल से ही तय किया इंदौर तक का सफर, दिनचर्या में शामिल

मोहन नगर में रहने वाले बिल्डिंग मटेरियल कारोबारी अर्पित मिश्रा ने बताया कि युवाओं के इस दल से प्रेरित होकर उन्होंने अनलॉक-1 में साइकिलिंग की शुरुआत की। करीब 15 दिन तक नियमित साइकिल चलाने से शारीरिक रूप से खुद को मजबूत महसूस किया तो साइकिलिंग को दिनचर्या का एक हिस्सा बना लिया। अर्पित ने बताया कि वह रोज एक घंटे 10 मिनट तक लगभग 17 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं। पिछले रविवार को ही साइकिल से ही इंदौर भी होकर आए।

लॉकडाउन खत्म होते ही नई साइकिल खरीदी अब हर दिन करते 30 किलोमीटर साइकिलिंग

मंगल कॉलोनी में रहने वाले ऋषभ मंगल गुजरात में रहकर एम.टेक. की पढ़ाई कर रहे थे। लॉकडाउन में उज्जैन आए थे। तब युवाओं के इस दल के संपर्क में आए। ऋषभ ने बताया लॉकडाउन खत्म होते ही उन्होंने एक नई साइकिल खरीदी आैर रोज सुबह-शाम साइकिल चलाना शुरू कर दिया। अब रोज 30 किलोमीटर साइकिलिंग कर व्यायाम करते हैं। अनलॉक के दौरान वे साइकिल से इंदौर भी होकर आ चुके हैं। ऋषभ ने रोज साइकिल चलाना अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है।

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