नए साल के पहले दिन महाकाल में बढ़ी भीड़:देवास गेट से चामुंडा माता पहुंचने में लगे 12 मिनट

नए साल के पहले दिन ही शहर की ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त हो गई। महाकाल में बाहर से आने वाले लोगों की व्यवस्था करने में पुलिस और प्रशासन ऐसा उलझा कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई। देवास गेट बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और नानाखेड़ा बस स्टैंड पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।

बाहर से आने वाले लोगों की अधिक संख्या और शहर के लोग जब घरों से बाहर निकलेे तो ट्रैफिक थम सा गया। शाम के समय हालात और बिगड़े। देवास गेट से चामुंडा माता पहुंचने में ही 12 मिनट का समय लग गया। बेगमबाग रोड, मालीपुरा, गोपाल मंदिर और शहर के प्रमुख मार्गों की व्यवस्था ने एक बार फिर शहर की सड़कों को चौड़ा करने, नए पार्किंग पाइंट बनाने और अस्थाई अतिक्रमण को हटाने का बड़ा सवाल प्रशासन के सामने रख दिया।

समझाइश के बाद भी नहीं रुकी ऑटो, और होटल संचालकों की मनमानी
सेवा से दिल जीतें, व्यवहार में त्रुटि तो शहर में आने से कतराएंगे श्रद्धालु। 22 दिसंबर को विक्रम कीर्ति मंदिर में कलेक्टर, एसपी और आरटीओ की ऑटो, ई-रिक्शा और होटल संचालकों की समझाइश काम नहीं आई। इन्हाेंने मनमाना किराया वसूलने की सारी हदें लांघ दी है। रेलवे स्टेशन से जयसिंहपुरा महाकाल लोक तक का 100 से 150 रुपए ले रहे हैं। तीन से अधिक सवारी है तो रेट और ज्यादा हो गया। 31 दिसंबर दोपहर 2.15 बजे मंगलनाथ के समीप अंगारेश्वर मंदिर पर पूजन करने गए।

परिवार ने ऑटो वाले से भैरवगढ़ चलने को कहा। उसने कहा 100 रुपए लूंगा। परिवार ने कहा भैरवगढ़ महज आधा किलोमीटर तो है, बोला इतना ही लगेगा। यहां से चिंतामन का किराया सीधे 200 से 250 रुपए ले रहे हैं। यातायात थाना प्रभारी पवन कुमार ने बताया ये सही है कि अधिक किराया वसूला जा रहा है लेकिन लोग शिकायत नहीं करते हैं, उन्हें शिकायत करना चाहिए। ऑटो व ई-रिक्शा वालों पर नियंत्रण की तैयारी कर ली गई है।

इधर, संभागायुक्त से मिले महापौर, चिंता जताई, टालने का समय नहीं
करीब एक माह पहले महापौर मुकेश टटवाल कलेक्टर, एसपी और अन्य अफसरों से मिले थे। महाकाल लोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की बढ़ी संख्या पर बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए सभी विभागों के बीच समन्वय बनाकर नए प्लान पर निगम की तरफ से हरसंभव सहयोग का भरोसा दिया लेकिन इसपर अभी तक अमल नहीं हो पाया। सिर्फ एक बार बैठक हुई, उसमें भी सिर्फ बातें ही हुई। रविवार को महापौर संभागायुक्त संदीप यादव से मिले और अपनी चिंता दोहराई कि लाखाें श्रद्धालुओं के आने की संभावनाओं के पहले व्यवस्थाओं को बनाने के बजाय बंद कर देना। यह उचित नहीं है।

श्रद्धालु लगातार बढ़ रहे हैं, अब टालने का समय निकल गया है। व्यवस्था बनाने के लिए सभी विभागों को रणनीति बनाकर सख्ती से काम करना होगा। अफसरों को भी गंभीरता दिखाना होगा। होमगार्ड के जवानों की मदद ली जा सकती है। शहर के चौराहों की प्लानिंग नए सिरे से करना होगी। सड़कों के चौड़ीकरण की प्रक्रिया को जल्द शुुरू किए जाने पर विचार करना ही होगा।

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