- भस्म आरती: मंदिर के पट खोलते ही गूंज उठी 'जय श्री महाकाल' की गूंज, बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार कर भस्म अर्पित की गई!
- भस्म आरती: मकर संक्रांति पर बाबा महाकाल का किया गया दिव्य श्रृंगार, तिल्ली के लड्डू से सजा महाकाल का भोग !
- मुख्यमंत्री मोहन यादव का उज्जैन दौरा,कपिला गौ-शाला में गौ-माता मंदिर सेवा स्थल का किया भूमि-पूजन; केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल भी थे मौजूद
- उज्जैन और विदिशा में जिला अध्यक्षों की घोषणा, उज्जैन BJP शहर अध्यक्ष बने संजय अग्रवाल; अगले 24 घंटे में और नाम होंगे जारी!
- भस्म आरती: भगवान महाकाल का दिव्य श्रृंगार कर चढ़ाई गई भस्म, उज्जैन में हर ओर गूंजे जय श्री महाकाल के नारे!
महाकाल मंदिर में पुजारी नहीं लेगें कैशलेस दक्षिणा, हाथ में नकदी होना जरूरी
सरकार के अनुरोध पर महाकाल मंदिर में तो मंदिर समिति ने कैशलेस दान की व्यवस्था लागू कर दी। दक्षिणा को लेकर जब यहां के पंडे-पुजारियों से बात की तो सभी ने कहा कि हम कैशलेस व्यवस्था का विरोध तो नहीं करते लेकिन दान-दक्षिणा का धर्म, शास्त्र सम्मत व्यवस्थाएं हैं, इसलिए कैशलेस को इससे नहीं जोड़ सकते। इस बारे में महेश पुजारी का कहना है शास्त्रों में ब्राह्मण को हाथ में नकद दक्षिणा आदि सामग्री लेकर संकल्प देना का नियम है। इसलिए यहां कैशलेस की बात ठीक नहीं रहेगी। पुजारी प्रदीप गुरु का भी यहीं तर्क है। वे बोले मंत्रोच्चार के साथ सम्मान से हाथ में दक्षिणा का देने का विधान है, इसमें कैशलेस संभव नहीं है। राजेश पुजारी ने कहा कई लोग मन्नतें आदि पूरी होने पर मंदिर में या ब्राह्मण को दक्षिणा के रूप में गुप्तदान भी करते हैं। कैशलेस में रिकॉर्ड होता है, इसलिए यह मान्य नहीं है।
आशीष पुजारी का मानना है कि कैशलेस दान व्यवस्था इसलिए भी उचित नहीं हैं क्योंकि हर श्रद्धालु के पास एटीएम नहीं होता। लोग नकद दक्षिणा में ही विश्वास रखते हैं। पुरोहित अशोक शर्मा भी यही तर्क देते हैं। वे बोले महामृत्युंजय जप या किसी भी बड़े अनुष्ठान में बैठने वाले पंडितों को हाथोहाथ नकद दक्षिणा देना ही पड़ती है। दूसरी ओर मंदिर प्रबंध समिति के प्रभारी प्रशासक अवधेश शर्मा का कहना है कि मंदिर में प्रशासनिक स्तर पर तो कैशलेस व्यवस्थाएं लागू हैं। दान-दक्षिणा पंडे-पुजारियों का निजी विषय है।