अखिल भारतीय कालिदास समारोह 15 नवंबर से….

6 दिन शेष, अतिथियों और कलाकारों के नाम तक तय नहीं

उज्जैन। अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन 15 से 21 नवंबर को होने जा रहा है। आयोजन में केवल छह दिन का समय शेष रह गया है और अभी तक सिर्फ स्थानीय समिति का ही गठन हुआ है। कार्यक्रम की प्रस्तुतियां, इनके कलाकार, विद्वान तय नहीं हुए हैं। आयोजन की रुपरेखा का निर्धारण नहीं किया हैं। अतिथि कौन होगें स्पष्ट नहीं हैं।

शहर का गौरव अभा स्तर का कालिदास समारोह धीरे-धीरे अपनी प्रतिष्ठा खो रहा है। कला रसिक दर्शकों के अलावा इस आयोजन से शहरवासी दूरी बनाने लगे हैं। बैठकों में इस दक्ष प्रश्न पर कई बार मंथन हो चुका है, लेकिन स्थिति जस की तस है। देव प्रबोधिनी एकादशी से आरंभ होने वाले इस आयोजन की तैयारियां हर बार की तरह इस बार भी विलंब से शुरू हुई थी। फिलहाल स्थानीय समिति का ही गठन किया जा सका है। इसके बाद नृत्य, नाट्य व चित्रकारों के अलावा अन्य कलाकारों और साहित्यिक कार्यक्रमों के लिए विद्वानों का चयन नहीं हुआ हैं। अभा स्तर के आयोजन में महज 6 दिन शेष है। अब तक समारोह के आयोजन को लेकर व्यापक तैयारियां कहीं नजर नहीं आ रहीं। टाईम शेड्यूल नहीं बना हैं। आयोजन सवालों के कटघरे में हैं। कब कलाकार विद्वान तय होगें? कब उन्हें आमंत्रण भेजा जाएगा? आमंत्रितों के पास तय आयोजन की अवधि में समय नहीं रहा या वे आने में असमर्थ रहे, तो क्या किया जाएगा? ऐसे अनेक सवाल फिलहाल आयोजकों के सामने बने हुए हैं।

कौन करेंगे समारोह का उद्घाटन..?

समारोह के शुभारंभ में अतिथि कौन होगें यह भी अभी स्पष्ट नहीं हैं। वैसे तो एक सप्ताह पहले आयोजित स्थानीय समिति की बैठक में बताया गया था कि समारोह का उद्घाटन राज्यपाल, मुख्यमंत्री करेंगे। दिक्कत यह हैं कि 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भोपाल में विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करने वाले हैं। ऐसे में कालिदास समारोह का उद्घाटन राज्यपाल और मुख्यमंत्री की समय उपलब्धता पर निर्भर हैं।

राजधानी के फैसले का इंतजार: कालिदास समारोह के अतिथि और प्रस्तुति देने वाले कलाकारों के नाम फाइनल करने को भोपाल में केंद्रीय समिति की बैठक हुई। इसमें संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर और प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला अनुपस्थित रहने से कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ। रहे। कालिदास अकादमी के प्रभारी निदेशक डा. संतोष पंड्या ने कहा है कि अगले एक-दो दिन में कार्यक्रम फाइनल हो सकता है।

यह सब कैसे होगा…

बता दें कि कालिदास समारोह स्थानीय समिति की बैठक के बाद कहा गया था कि समारोह आजादी के अमृत महोत्सव अंतर्गत क्रांतिकारियों पर केंद्रित होगा। समारोह में शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति के लिए हेमा मालिनी को निमंत्रण भेजा है। उनकी ओर से तारीख मिलना शेष है। मंगल कलश यात्रा 14 नवंबर को सुबह 7.30 बजे की बजाय शाम 5 बजे निकाली जाएगी। समारोह में विद्यार्थियों की भी प्रतिभागिता भी होगी। समारोह के उद्घाटन एवं समापन समारोह के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल को भी आमंत्रित किया जाएगा। समारोह में चंद दिन बचे हैं यह सब कैसे होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं हैं।

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