कुड़ाना के जंगल में देखा जा रहा जंगली जानवर

लगभग दो सप्ताह से भी अधिक समय से गुलाना तहसील के गांव बोलाई व कुड़ाना के जंगल में किसी जंगली जानवर के बार-बार देखे जाने से पूरे क्षेत्र में दहशत के साथ अफवाहों का दौर जोरों पर है। जिन ग्रामीणों ने इस जानवर को देखा है वे इसे शेर प्रजाति का जानवर होने का दावा भी कर रहे हैं लेकिन वन विभाग की मानें तो इस क्शेत्र में इस प्रकार के किसी जानवर की उपस्थिति के आसार अभी नजर नहीं आ रहे हैं। शेर प्रजाति का यह कोई जानवर हो सकता है, इसकी अभी तक कहीं से भी किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं हो पाई है।

पिछले दो सप्ताह पहले बोलाई के हिम्मतपुरा के जंगल में हिरण का शिकार हुआ था। इसके बाद से ही क्षेत्र के जंगल में शेर प्रजाती का कोई बड़ा जानवर होने की अफवाहें जोर पकड़ती जा रही हैं। कालीसिंध नदी के किनारे पर ही हिम्मतखेड़ा का जंगल है और कुड़ाना का जंगल भी इससे सटा हुआ ही है। पिछले तीन चार दिनों से कुड़ाना के ग्रामीणों को उनके जंगल में कोई बड़ा जानवर होने का अंदेशा हो रहा है। कुड़ाना के युवक जीवन शर्मा ने बताया कि वे शनिवार सायं साढ़े 6 बजे अपने खेत पर घूमने गए थे। उस बीच उन्होंने लगभग 250 फीट की दूरी पर बैठा एक जानवर साफ तौर पर देखा। वे इस जानवर को देखते ही गांव की और आ गए।

जीवन पढ़े लिखे होने के साथ किसी बैंक में नाैकरी भी करते हैं और वे यह जानवर को शेर प्रजाति होने का दावा कर रहे हैं। इसके 25 मिनट पूर्व इसी इलाके में खेत पर काम कर रहे गांव कोशलिया के लखन व भाटखेड़ी के धनसिंह ने भी इसी जानवर को देखा। वहीं रविवार की रात लगभग साढ़े 8 बजे कुड़ाना बल्ड़ी की एक महिला अपनी बस्ती के नजदीक जंगल की ओर शाैच के लिए गई तो वह भी किसी जानवर को देख भयभीत हो गई। और कुछ देर बाद पूरे गांव में हड़बड़ाहट मच गई। गांववासियों ने अपने मवेशी घरों के अंदर कर लिए।

वायरल किया वीडियो फर्जी

डिप्टी रेंजर कन्हैयालाल भिलाला ने कहा गुलाना व खंड़ेरिया के जंगल को लेकर कुछ लोगों द्वारा जो वीडियाे वायरल किया था, वह फर्जी है। उसमें जो जानवर दिख रहा है, वह बब्बर शेर है और इस तरह के जानवर केवल गुजरात के गिर नेशनल पार्क में ही देखे जा सकते हैं।

मोबाइल से मंगवा रहे जानवर के पग मार्क

गांव कुड़ाना में शनिवार से ही जंगली जानवर को लेकर अफरा तफरी फैली हुई है। गांव के संजय शर्मा व जीवन शर्मा ने बताया उन्होंने वन विभाग को सूचित कर दिया है। विभाग के जिम्मेदार भयभीत ग्रामीणों को समझाइश देने की बजाए मोबाइल के द्वारा जानवर के पैर के निशान के फोटो मंगवाकर ही इतिश्री कर रहे हैं। दो सप्ताह पहले कुड़ाना के इस जंगल से कुछ ही दूरी पर हिम्मतखेड़ा के जंगल में भी किसी जानवर ने हिरण का शिकार किया था। तब भी किसान अरुण नायक ने विभाग को सूचना दी थी। लेकिन जिम्मेदार समय से नहीं पहुंच पाएं और जब मौके पर पहुंचे, तब तक जानवर के पैर के निशान धूमिल हो चुके थे। किसानों ने पूर्व वाईल्ड़ लाइफ एक्सपर्ट हरीश पटेल को बुलाकर पीओपी तैयार करवाए थे।

जानवर को शेर प्रजाति का मान लेना जल्दबाजी होगी

पिछले 15 दिनों से नदी के किनारे वाले क्षेत्र में शेर प्रजाति का कोई जानवर होने होने की अटकले दिनों दिन तेज होती जा रही है। हालाकि इस जानवर की मौजूदगी के कहीं प्रमाण भी सामने नहीं आ पा रहे हैं। ऐसे में अगर कुछ समझदार व जागरूक किसानों की यह भी राय है कि किसी भी जंगली जानवर को शेर प्रजाति का बड़ा जानवर मान लेना जरूर जल्दबाजी हो सकती है। वहीं इसे कौरी अफवाह समझ लेना भी कहीं बड़ी चूक का कारण न बन जाए क्योंकि कालीसिंध नदी के इसी क्षेत्र में पिछले पांच साल में एक बार बाघ व एक बार तेंदुआ आ चुका है।

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