खबर का असर: स्कूलों को लिंक भेजकर मांगी बिजली बिल की जानकारी

466 स्कूलों पर 34 लाख बकाया

सरकारी स्कूलों का महीनों से बिजली बिल नहीं भरने की शुक्रवार को अक्षरविश्व में खबर प्रकाशित होने के बाद शिक्षा विभाग की नींद खुल गई। आनन-फानन में अफसरोंं ने खोजबीन की पता चला जिले के 466 स्कूलों पर 34 लाख रुपए बाकी हैं। अब संकुलों ने स्कूलों को लिंक भेजकर बकाया राशि की जानकारी देने के निर्देश देने के कहा है।

नया शिक्षा सत्र शुरू होने को है और ऐसे में स्कूलों की स्थिति की पड़ताल करने पर पता चला था कि सैकड़ों स्कूलों का चार माह से लेकर एक साल तक का बिजली बिल ही नहीं भरा गया है। कुछ स्कलों मेंं पानी की भी समस्या बनी हुई है।

मामले में जिम्मेदारों के भी गंभीर नहीं होने पर अक्षर विश्व ने प्रमुखता से मुद्दा उठाया था। नतीजतन शुक्रवार को संकुलों ने अपने-अपने वाट्सएप ग्रुप पर संबंधित स्कूलों को लिंक भेजकर बकाया बिजली बिल की जानकारी मांग ली। वहीं पीएस सोलंकी डीपीसी (जिला परियोजना समन्वयक) ने सभी बीआरसी से जानकारी एकत्रित की।

इनका कहना

फिलहाल सभी स्कूलों से बकाया बिजली बिल की मौखिक जानकारी ले ली है। भुगतान कब हो गया इसका जवाब शासन स्तर पर ही तय होगा।
– पीएस सोलंकी, डीपीसी

यह है खास बात

याद रहे जिले में 2223 स्कूल हंै, इनमें 1423 माध्यमिक व 712 प्राथमिक हैं। यहां 116910 विद्यार्थी पढ़ते हंै। 466 स्कूलों पर 34 लाख रुपए बिजली बिल बकाया है, इनमें से 183 स्कूलों में विधानसभा चुनाव के दौरान ही विद्युत कनेक्शन किया गया है।

मीटर लगने के बाद से आज तक इनमें से किसी भी स्कूल का बिल नहीं भरा गया है। नतीजतन एक-एक स्कूल पर 15 से 27 हजार रुपए बकाया हैं।

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