गणतंत्र दिवस मामला: त्रिकोण विवाद में उलझा प्रशासन

यूथ कांग्रेस का आरोप शहीदों का अपमान हुआ, बीजेपी ने कहा, जनप्रतिनिधियों का अपमान कांग्रेस की मानसिकता

इस बार गणतंत्र दिवस पर हुआ मुख्य समारोह शायद प्रशासन की गड़बडिय़ों के कारण याद रखा जाएगा। सोमवार को युवक कांग्रेस ने कलेक्टर शशांक मिश्र से शिकायत की है कि आयोजन में शहीदों के परिजनों का अपमान हुआ है।

दूसरी तरफ धिक्कार पत्र को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर पलट वार किया है। विधायक पारस जैन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस जानबूझकर जनप्रतिनिधियों का अपमान करती है।
मीडिया प्रभारी सचिन सक्सेना ने बताया कि राष्ट्रीय पर्व समारोह में चुने हुए जनप्रतिनिधियों को प्रोटोकाल के तहत ससम्मान आमंत्रित किया जाता है।

यहां के शासकीय आयोजन में भाजपा के जनप्रतिनिधि को सिर्फ आमंत्रण भेजकर प्रशासन ने अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली थी। जनप्रतिनिधियों के शामिल नहीं होने को कांग्रेस राष्ट्रीय पर्व का अपमान बता कर तुच्छ व घृणित राजनीति कर रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को धिक्कार पत्र भेजना ऐसे गंभीर मुद्दे पर कांग्रेस के इसी दिवालियेपन को प्रकट करता है। वास्तव मे धिक्कार पत्र सीएम कमलनाथ को भेजना चाहिए क्योंकि प्रशासन की त्रुटी व असफलता के लिए सीएम जिम्मेदार है।

विधानसभा में गूंज सकता मुद्दा

विधायक पारस जैन ने कहां प्रदेश सरकार पूर्वाग्रह से ग्रसित है। प्रशासन ने साजिश कर भाजपा के जनप्रतिनिधियों को राष्ट्रीय कार्यक्रम से दूर रखा। ये हमारे विशेषाधिकार हनन है। जरूरत पडऩे पर इसे विधानसभा में भी उठा सकते हैं।

विधायक डॉ. मोहन यादव ने कहा जनप्रतिनिधियों को प्रोटोकाल के तहत आमंत्रित नहीं करना प्रदेश सरकार की प्रशानिक असफलता है। सांसद डॉ. चिंतामणि मालवीय ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को शासकीय कार्यक्रम में नहीं बुलाना लाखों लोगों का अनादर है। महापौर मीना जोनवाल के अनुसार पहले विधिवत निमंत्रण के साथ अधिकारियों के संदेश भी आते थे।

शहीदों के परिजनों का अपमान हुआ क्यां?

युवक कांग्रेस जिला अध्यक्ष चंद्रभानसिंह चंदेल, बबलू खिंची संचित शर्मा, ऋतुराजसिंह गोपाल पटेल संग्रामसिंह भाटिया कलेक्टर से मिले। बताया कि गणतंत्र दिवस समारोह में शहीद बलराम जोशी, अरविंद तोमर के परिजन आए थे।

प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें आगे से उठाकर पीछे बैठा दिया। वहीं उनका सम्मान भी नहीं किया। कलेक्टर मिश्र ने एसडीएम गोपाल वर्मा से इस संबंध में पूछा और कहा कि अगर शहीदों के परिजनों का अपमान हुआ है तो उनसे घर जाकर मिले।

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