चिंतामण गणेश के पट खुलते ही लगे जयकारे,पहली जत्रा पर हजारों श्रद्धालुओं ने किये दर्शन

उज्जैन:चिंतामण गणेश मंदिर में बुधवार तड़के 4 बजे पट खुलने से पहले सैकड़ों श्रद्धालु दर्शनों के लिये एकत्रित हो चुके थे और मंदिर के पट खुलते ही श्रद्धालुओं ने भगवान चिंतामण गणेश का जयघोष किया। गर्भगृह में भगवान का पूजन, चोला आदि श्रृंगार के बाद गर्भगृह में दर्शनों का सिलसिला बंद करते हुए बाहर से दर्शन प्रारंभ कराये गये।
पेयजल, छांव की व्यवस्था
चैत्र मास के 4 बुधवार को होने वाली चिंतामण गणेश की जत्रा का क्रम आज से प्रारंभ हुआ। भगवान चिंतामण गणेश के दर्शनों के लिये सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं का मंदिर पहुंचने का क्रम अल सुबह से जारी था। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये मंदिर के पुजारियों व प्रबंध समिति के सदस्यों ने मिलकर नई मेट बिछाने के साथ छांव के लिये शामियाने और पीने के लिये वाटर कूलर, पानी की केनों का प्रबंध किया गया है।

 

गेहूं, चने के ढेर लगे
मान्यताओं के अनुसार चैत्र मास में किसानों की फसल कटने के बाद सबसे पहले गेहूं, चने आदि धान भगवान चिंतामण गणेश को अर्पित किये जाते हैं। मंदिर में दर्शन करने के लिये पहुंचने वाले ग्रामीणों द्वारा मंदिर परिसर में अनाज अर्पित किया जा रहा था जिससे यहां गेहूं व चने के ढेर लग गये।

रात 9.30 पर शयन आरती
मंदिर के पुजारी गणेश गुरू ने चर्चा में बताया कि तड़के 4 बजे मंदिर के पट खुलने के बाद भगवान का पंचामृत पूजन, सिंदूर व चांदी की बरक से चोला चढ़ाया गया। 8 बजे गोटा किनारी का विशेष श्रृंगार हुआ और 11 बजे महाआरती सम्पन्न हुई। शाम 7.30 बजे भगवान की भोग आरती होगी और रात 9.30 बजे शयन आरती होगी।

शीतला सप्तमी पर माता पूजन, घरों में ठंडा भोजन
शीतला सप्तमी पर शीतला माता मंदिर में महिलाओं द्वारा तड़के 4 बजे बाद से पूजन का क्रम प्रारंभ हुआ। मंदिर में पहुंचकर महिलाओं ने माताजी का पूजन अर्चन कर ठंडे पकवानों का भोग लगाया। मान्यताओं के अनुसार घरों में लोगों द्वारा ठंडा भोजन किया गया।

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