- श्री महाकालेश्वर मंदिर में एंट्री का हाईटेक सिस्टम हुआ लागू, RFID बैंड बांधकर ही श्रद्धालुओं को भस्म आरती में मिलेगा प्रवेश
- कार्तिक पूर्णिमा आज: उज्जैन में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, माँ क्षिप्रा में स्नान के साथ करते हैं सिद्धवट पर पिंडदान
- भस्म आरती: भांग, चन्दन और मोतियों से बने त्रिपुण्ड और त्रिनेत्र अर्पित करके किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार!
- Ujjain: बैकुंठ चतुर्दशी आज, गोपाल मंदिर पर होगा अद्भुत हरि-हर मिलन; भगवान विष्णु को जगत का भार सौंपेंगे बाबा महाकाल
- भस्म आरती: रजत सर्प, चंद्र के साथ भांग और आभूषण से किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार, श्रद्धालुओं ने लिया भगवान का आशीर्वाद
दोस्त दोस्त ना रहा ! गाड़ी में रखे दो लाख रुपए देखे और…
दो महीने तक इंतजार किया, आखिरकार थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट
उज्जैन. बहन की शादी के लिए सस्ता सामान दिलवाने ले गया एक युवक अपने दोस्त के दो लाख रुपए लेकर भाग गया। दोनों दोस्त कार से शो-रूम पहुंचे और कार में ही नकद दो लाख रुपए रखे थे। जैसे ही शो-रूम पर युवक कार से उतरा तो दोस्त कार लेकर ही भाग गया। बाद में युवक ने रुपए वापस देने की मांग की तो उसे टालता रहा। आखिर में युवक ने माधवनगर थाने में पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज करवाई।
जीवाजीगंज थाना पुलिस ने बताया कि अंकपात मार्ग निवासी आदित्य पिता देवराज प्रपन से नई खेड़ी निवासी गोवर्धन पिता तेजू मालवीय दो लाख रुपए लेकर भागा है। आदित्य इनकम टाक्स प्रैक्टिसनर है और फ्रीगंज में सिद्धि विनायक टॉवर में ऑफिस है। गोर्वधन मालवीय प्रॉपर्टी ब्रोकर है और अक्सर वह आदित्य से मिलने आता है। दोनों के बीच दोस्ती है। आदित्य ने अपनी बहन की शादी के लिए सामान खरीदने की बात गोवर्धन से कही इस पर गोवर्धन ने कहा कि शो-रूम संचालक से उसका परिचय है और सस्ता सामान दिलवा देगा। गोवर्धन के भरोसे में आए आदित्य २७ दिसंबर २०१९ को उसके साथ कार से फ्रीगंज से शो-रूम जाने के लिए निकले। कार में ही नकद दो लाख रुपए रखे हुए थे। जैसे ही कार शो-रूम पहुंची तो आदित्य नीचे उतर गया, लेकिन गोवर्धन माली ने कार नहीं रोकते हुए भगा ले गया। आदित्य प्रपन का कहना है कि रुपए लेकर भागने के बाद उसने वापस देने की बात कही तो वह आज-कल करता रहा। आखिर में जब दबाव बनाया तो उसने रुपए देने से मना कर दिया। इस पर माधवनगर थाने जाकर उसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई।
कार भी दूसरे की लेकर आया था
आदित्य का कहना है कि गोवर्धन मालवीय जिस कार से आया था वह भी उसकी नहीं थी। बाद में जब उस कार के बारे में जानकारी ली तो वह किसी दोस्त से मांगकर आया था। संभवत: रुपए चुराने के इरादे से ही वह आया था।