परीक्षा का टाइम टेबल घोषित नहीं, विलंब शुल्क लगा दिया:छात्रों ने कहा परीक्षा शुल्क दो हजार रुपए लेना अन्याय

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के अंतर्गत स्नातक की वार्षिक पद्धति की नियमित और प्राइवेट परीक्षार्थियों की प्रथम वर्ष की परीक्षा के लिए परीक्षा कार्यक्रम तय नहीं हुआ। इधर छात्रों को परीक्षा आवेदन के साथ दो हजार रुपए विलंब शुल्क चुकाना पड़ रहा है। ऐसे में परीक्षार्थी के सामने संकट खड़ा हो गया। विद्यालय प्रशासन छात्रों के साथ अन्याय कर रहा है । मामले को लेकर कुलपति का कहना है कि प्रथम वर्ष परीक्षा के लिए पूर्व में जारी की गई अधिसूचना अनुसार विलंब शुल्क लिया जा रहा है। चुनाव के कारण परीक्षाएं देरी से हो रही है कार्यक्रम तैयार कर लिया है जल्दी घोषित कर देंगे।

विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में स्नातक स्तर की वार्षिक पद्द्ति की द्वितीय और तृतीय वर्ष की परीक्षाएं आयोजित करा ली है। इस बार स्नातक स्तर की प्रथम वर्ष की परीक्षाएं अभी शुरू नहीं हो सकी है। परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों के लिए मई महीने में अधिसूचना जारी कर परीक्षा फॉर्म ऑनलाइन जमा कराए जा रहे है। पहले जुलाई के प्रथम सप्ताह से परीक्षाएं शुरू होना थी । पंचायत और नगरी निकाय चुनाव के कारण परीक्षाएं नहीं हो सकी । पुरानी अधिसूचना के अनुसार 15 जून के बाद से ही विलंब शुल्क शुरू हो गया है। परीक्षा आवेदन पत्र जमा करने के लिए अब 2,000 विलंब शुल्क लिया जा रहा है। परीक्षार्थियों का कहना है कि 2 हजार रुपए विलंब शुल्क परीक्षा शुरू होने के 1 दिन पहले तक परीक्षा आवेदन पत्र जमा करने के दौरान लिया जाता है। जबकि अभी तो विश्वविद्यालय का परीक्षा कार्यक्रम ही तय नहीं है। ऐसे में विद्यार्थियों से अधिक विलंब शुल्क वसुला जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन का रवैया अन्याय पूर्ण है।

विलंब शुल्क अधिसूचना अनुसार ले रहे हैं

स्नातक प्रथम वर्ष के लिए परीक्षा आवेदन करने वाले विद्यार्थियों से 2 हजार रुपए विलंब शुल्क लेने के मामले में कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे से चर्चा की तो उनका कहना था कि विद्यार्थियों से पूर्व में जारी हुई अधिसूचना के अनुसार ही शुल्क लिया जा रहा है। कुलपति ने कहा अधिसूचना में 15 जून के बाद से विलंब शुल्क शुरू हुआ जो बढ़ते हुए परीक्षा के 1 दिन पूर्व तक 2 हजार रुपए तक होता है। अधिसूचना अनुसार चुनाव नहीं होते तो परीक्षाएं 1 जुलाई से शुरू हो जाना थी। इसीलिए 30 जून तक विलंब शुल्क दो हजार रुपए लग रहे हैं। विद्यार्थी समय रहते आवेदन जमा नहीं करते और विलंब शुल्क शुरू होते ही हल्ला मचाने लगते हैं।

परीक्षा आवेदन का विलंब शुल्क और बढ़ेगा

कुलपति प्रोफेसर पांडे ने कहा कि लंबा समय बिना विलंब शुल्क परीक्षा आवेदन पत्र जमा करने के लिए देने के बाद भी छात्र जानबूझकर समय पर परीक्षा आवेदन जमा नहीं कराते हैं। ऐसी स्थिति में हम आगे से विलंब शुल्क बढ़ाने पर भी विचार कर रहे हैं। जब विलंब शुल्क अधिक लगेगा तो छात्र जिम्मेदारी से समय पर ही आवेदन जमा करेंगे।

प्रथम वर्ष की परीक्षा 20 जुलाई से शुरू हो सकती है

एक बार स्नातक प्रथम वर्ष की परीक्षाएं देरी से होने के पीछे विश्वविद्यालय प्रशासन चुनाव होना बता रहा है। विद्यालय के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रथम वर्ष की परीक्षा 15 के बाद 20 जुलाई से शुरू हो जाएगी। परीक्षा कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। संभाग के कुछ कालेजों से चुनाव के दौरान कॉलेज भवन अधिग्रहित होने और स्टाफ के चुनाव ड्यूटी में लगे होने की परेशानी बताई गई थी। इसीलिए नए सिरे से परीक्षा कार्यक्रम तैयार किया गया है।

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